इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने भारत पर आरोप लगाया कि वो इस्लामाबाद में सार्क सम्मेलन फिर से बुलाए जाने की प्रक्रिया को नाकाम कर रहा है.  वहीं पड़ोसी देश का ये भी कहना है कि समूचे क्षेत्र के विकास और आर्थिक विकास को भी भारत ने रोक रखा है. वहीं, भारत ने सीमा पार से आतंकवाद को पाकिस्तान का लगातार समर्थन मिलने का जिक्र करते हुए कहा है कि मौजूदा हालात में सार्क पर आगे बढ़ना मुश्किल है.


2016 सार्क सम्मेलन इस्लामाबाद में होना था, लेकिन जम्मू कश्मीर के उरी में उस साल सितंबर में हुए एक बड़े आतंकी हमले के बाद के हालात के चलते भारत ने सम्मेलन में शरीक नहीं होने की बात कही थी. साथ ही पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव भी बनाया था. बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान के भी इसमें शरीक होने से इंकार करने के बाद सम्मेलन स्थगित कर दिया गया था.


विदेश कार्यालय के प्रवक्ता डॉ मोहम्मद फैसल ने बीजिंग से प्रेस ब्रीफिंग कर कहा कि सार्क सम्मेलन को भारत ने नाकाम कर रखा है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द्विपक्षीय मुद्दों को बहुपक्षीय मंचों पर लाए जाने की कोशिशों की निंदा करता है. फैसल ने कहा कि पाकिस्तान सार्क का सम्मेलन इस्लामाबाद में कराने के लिए प्रतिबद्ध है.


उन्होंने कहा कि पाकिस्तान बेकसूर कश्मीरियों की दशा को सभी सही मंचों पर उठाना जारी रखेगा और ये तब तक जारी रहेगा जब तक कि भारतीय मानवाधिकार उल्लंघन पूरी तरह रूक नहीं जाता. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के तहत विवाद का हल नहीं हो जाता और कश्मीरी अवाम की आकांक्षा पूरी नहीं हो जाती.


उन्होंने बताया कि विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कश्मीर मुद्दे पर ईरान और तुर्की के विदेश मंत्रियों और ‘आर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन’ के महासचिव से बात की है. बताते चलें कि सार्क सम्मेलन हर दो साल पर होता है और सदस्य देश अंग्रेजी के अक्षरों (alphabetically) के अनुसार इसकी मेजबानी और अध्यक्षता करते हैं. पिछला सार्क सम्मेलन 2014 में काठमांडो में हुआ था.