नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने यूएई के शाही सदस्यों को सोन चिरैया का शिकार करने की अनुमति देकर इस एक नये विवाद को जन्म दे दिया है. भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों के पक्षी प्रेमियों ने प्रधानमंत्री इमरान खान के इस कदम की निंदा की है. सोन चिरैया एक सरंक्षित पक्षी है. अक्टूबर से लेकर फरवरी तक सोन चिरैया भारत के विभिन्न वेटलैंड्स पर विचरण करती दिखाई देती है. लेकिन पाक में अवैध शिकार के चलते सर्दियों के मौसम में भारत आने वाली इस चिड़िया की संख्या हर साल घटती जा रही है.


सर्दियों के मौसम में भारत के विभिन्न क्षेत्रों में पाकिस्तान से आने वाली सोन चिरैया की संख्या घट रही है. बीते दस सालों में सोन चिरैया भारत के विभिन्न वेटलैंड्स पर कम दिखाई देने लगी हैं. यह सरंक्षित चिड़िया अवैध शिकार के साथ साथ प्रदूषण की समस्या से भी जुझ रही है. अक्टूबर से लेकर फरवरी माह में भारत के उत्तर प्रदेश,राजस्थान,दक्षिण भारत सहित कई राज्यों में यह चिड़िया प्रवास करने के लिए आती थी. लेकिन बीते कुछ सालों से इस सुदंर चिड़िया ने भारत में आना कम कर दिया है.


पाकिस्तान में सोन चिरैया के शिकार पर बैन है लेकिन इसी पाकिस्तान की जमीन पर अरब मुल्क के शाही परिवारों के लिए शिकार पर कोई मनाही नहीं है. जो पक्षी सर्दी के दिनों में पाकिस्तान में मेहमान बनकर आते हैं पाकिस्तान हर साल इनका इस्तेमाल अरब देशों को खुश करने के लिए करता है. सोन चिरैया के शिकार पर बैन होने के बावजूद पाकिस्तान हर साल अरब के अमीर शेखों को 25-35 स्पेशल परमिट जारी करता है और इस बार इमरान सरकार ने ये परमिट बहरीन के शाही परिवार के लिए जारी किया है. इमरान ने बहरीन के राजा और शाही परिवार को 100 सोन चिरैया शिकार की इजाजत दी है. शाही परिवार के सात सदस्य 100-100 पक्षियों का शिकार करेंगे.


2017 में लाहौर हाईकोर्ट ने सोन चिरैया के शिकार पर रोक लगाते हुए कहा था कि अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं ने सोन चिरैया को विलुप्तप्राय पक्षियों की श्रेणी में रखा है. सरकार इसके शिकार को रोके लेकिन तत्कालीन नवाज शरीफ सरकार मामला सुप्रीम कोर्ट में ले गई. वहां तर्क दिया गया कि शाही परिवारों को शिकार की इजाजत देना पाकिस्तान की विदेश नीति का अहम हिस्सा है इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ रोक हटा ली. अब इमरान सरकार ने भी यही तर्क दिया है और अब पाकिस्तान में एक संरक्षित पक्षी के शिकार को विदेश नीति का आधार माना जाता है. इससे बड़ी विडंबना क्या होगी.


यह चिड़िया पाकिस्तान के ठंडे इलाके में पाई जाती है. भारत के भी विभिन्न इलाकों में इस चीड़िया की प्रजाति पाई जाती है लेकिन पाकिस्तान में यह अधिक पाई जाती है. लेकिन जिस तरह से शिकार का चलन बड़ा है उससे सोन चिरैया सहित दर्जनों सरंक्षित पक्षियों के जीवन पर संकट मंडराने लगा है.


इन पक्षियों का शिकार करना भी आसान होता है. खास बात ये होती है कि ये पक्षी हमेशा झुंड में रहते हैं जिस कारण शिकारी बड़ी संख्या में इन पक्षियों का शिकार कर लेते हैं. भारत में इनके शिकार पर पाबंदी है. लेकिन फिर भी शिकारी इन पक्षियों का शिकार करने का मौका खोज ही लेते हैं. इन विदेशी पक्षियों की मांग अधिक होने के कारण इन्हें मंहगे दाम लेकर होटलों और रेस्टोरेंट में परोसा जाता है. वन्य जीव प्रेमियों ने सोन चिरैया के शिकार पर सख्ती से रोक लगाए जाने की मांग की है.