Economic Crisis: श्रीलंका और पाकिस्तान अपनी आर्थिक बदहाली के कारण चर्चा में बने हुए हैं. दोनों देश कंगाली के दौर से गुजर रहे हैं और दिवालिया होने के कगार पर है. इसके साथ ही दुनिया भर से मदद की दरख़्वास्त कर रहे हैं. दोनों देशों के बीच जो समानता है वो यह है कि दोनों कर्ज में डूबे हुए हैं. अपने कर्ज चुकाने में दोनों असमर्थ हैं.
अपने कर्ज को चुकाने के लिए भी दोनों विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और अपने मित्र देशों से मदद मांग रहे हैं. वहां के लोगों से बुनियादी जरूरतें की चीजें दूर हो गई हैं. एक तरफ जहां श्रीलंका पर अप्रैल 2021 मे विदेशों का कुल कर्ज 3500 करोड़ डॉलर का था, जो साल 2022 में बढ़कर 5100 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया.
कर्ज में डूब चुका है श्रीलंका
आंकड़ों के मुताबिक इस समय श्रीलंका के ऊपर कुल 51 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज है. श्रीलंका के ऊपर विदेशी कर्ज की रकम उसकी सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 104 प्रतिशत हो चुका है. विदेश कर्ज चुकाने के लिए अगले एक साल में ही उसे 7.3 अरब डॉलर की जरूरत है.
पाकिस्तान का हाल
इसके साथ ही पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले 8 साल में सबसे निचले स्तर यानी करीब 4.6 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है. बता दें कि जनवरी 2023 तक पाकिस्तान का कुल कर्ज 62.46 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपया के आसपास है. जो पाकिस्तान के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का लगभग 79 प्रतिशत है.
डॉलर के मुकाबले दोनों देशों की करेंसी
पाकिस्तान में डॉलर के मुक़ाबले रुपये का लगातार गिरना जारी है. वहां का एक रुपया डॉलर के मुकाबले 229.85 रुपये तक पहुंच चुका है. बता दें कि पिछले तीन महीने में पाकिस्तानी की करेंसी की वैल्यू में 12 रुपये की गिरावट दर्ज की गई है. वहीं, पूरी तरह से आर्थिक रूप से टूट चुके श्रीलंका की बात करें तो वहां ए डॉलर के मुकाबले श्रीलंकाई करेंसी 365.96 रुपये तक पहुंच गया है. बता दें कि मार्च 2022 में 1 डॉलर की कीमत 201 श्रीलंकाई रुपये थी.