Pakistan Terrorism: आने वाले समय में भारत पाकिस्तान से होने वाली नापाक हरकतों का जवाब सैन्य कार्रवाई से दे सकता है. अमेरिका की एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्तों में तनाव और बढ़ेगा. डिफेंस एक्सपर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान के आतंकवाद के जवाब में भारत उसके ग्वादर पर बमबारी कर सकता है.


अमेरिका की इंटेलिजेंस कम्युनिटी ने हाल में अपनी रिपोर्ट में कहा कि पिछली सरकारों की तुलना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लीडरशिप में इस बात की आशंका बढ़ गई है कि चीन और पाकिस्तान की तरफ से की गई किसी भी भड़काऊ हरकत के जवाब में भारत अपनी मिलिट्री को उतार सकता है. बता दें कि यह रिपोर्ट अमेरिकी संसद में एनुअल थ्रेट एसेसमेंट यानी बाहरी खतरों के सालाना आंकलन पर आधारित थी.




पाक के स्टेट स्पॉन्सर टेरररिज्म के खिलाफ कार्रवाई करेगा भारत
अमेरिकी रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि दोनों देशों के बीच तनाव से कश्मीर में हिंसा और भारत में आतंकी हमला होता है तो दोनों देशों के बीच स्थिति नियंत्रण के बाहर हो जाएगी. वहीं, इस रिपोर्ट के जारी होने के बाद विदेश मामलों के एक्सपर्ट् प्रोफेसर मुक्तेदार खान (Prof. Muqtedar Khan) ने एक शो में कहा कि भारत स्टेट स्पॉन्सर टेरररिज्म के खिलाफ वाकई मिलिट्री एक्शन ले सकता है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में आतंकवाद की समस्या भारत के लिए गंभीर चिंता का विषय रही है. यदि आतंकवाद नियंत्रण से बाहर रहेगा तो भारत के मिलिट्री एक्शन लेने की संभावना काफी अधिक है. 


ग्‍वादर पोर्ट पर भी ले सकते हैं एक्‍शन?
कुछ एक्सपर्ट् की मानें तो इस बार बात यहां तक पहुंच सकती है कि पाक का ग्वादर पोर्ट निशाना बनाया जा सकता है. यदि भारत ग्वादर पोर्ट में कुछ करता है तो चीन भी भड़क सकता है क्योंकि चीन वहां निवेश कर रहा है. चीन का वहां कई प्रोजेक्टस में पैसा लगा है. ग्वादर पोर्ट पाकिस्तान का अरब सागर से लगता हुआ ठिकाना है और माना जाता है कि यहां भारत विरोधी गतिविधियां भी संचालित होती हैं.




कैसे कम हुईं पाकिस्‍तान की हरकतें?
वैसे बीते 2-3 वर्षों में पाकिस्‍तान की ओर से हरकतें काफी कम हुई हैं. इस पर जानकारों का कहना है कि अब पाकिस्‍तानी हुकूमत को यह समझ आ चुका है कि भारत से भिड़ने में उनका ही बड़ा नुकसान है. दूसरे, उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो चुकी है. उनके पास फाल्‍तू में गोला-बारूद बर्बाद करने लायक पैसा नहीं बचा है. तीसरे, उनके अंदर यह डर बैठ गया है कि भारत ने जो बालाकोट में किया, वैसा ही आगे भी कर सकता है. 


बॉर्डर पर अब नहीं हो रहा सीजफायर वॉयलेशन
बकौल प्रो. खान, "आपको मालूम होगा कि जब ये कारगिल की जंग शुरू हुई थी तो नवाज शरीफ को पता ही नहीं था कि मुशर्रफ ने युद्ध छेड़ दिया है. हालांकि, अब इंडिया-पाकिस्तान के बॉर्डर पर जो सीजफायर है..उस पर पाकिस्तानी सेना को हरकतें रोकनी ही पड़ीं. बाजवा (पाकिस्तानी सेना के पूर्व प्रमुख) ने अपने आखिरी समय में ऐसी कोशिशें की कि दोनों देशों में तनाव काफी कम हुआ. उन्होंने जियो पॉलिटिक्स, जियो इकोनॉमिक्स पर जोर देना शुरू किया. साथ ही इस पर विचार किया गया कि यदि पाकिस्तान भारत से व्यापार शुरू करे तो किस तरह फायदे होंगे. और, देखिए इसी बदलाव का उदाहरण कि वे बॉर्डर पर सीजफायर मेंटेन किए हुए हैं."


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