Pakistan Blasphemy: पाकिस्तान के गुलबागी में रहने वाले इरफान नाम के शख्स को ईशनिंदा कानूनों के तहत मौत की सजा सुनाई गई. इरफान पर आरोप था कि उसने 6 साल पहले मस्जिद में लगे लाउडस्पीकर से खुद को मोहम्मद पैगंबर बताया था. आरोपी को पाकिस्तान के एंटी टेररिज्म कोर्ट ने सजा सुनाई है.


पाकिस्तान के एंटी टेररिज्म कोर्ट ने इरफान को मौत की सजा देने के अलावा 4 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. इरफान ने जब 6 साल पहले खुद को मोहम्मद पैगंबर बताया था तो मस्जिद में मौजूद तबलीगी जमात के लोगों ने उसे पकड़ लिया था और पुलिस के हवाले कर दिया था.


अलग-अलग धाराओं में 10 साल की सजा 
एक जानकारी के अनुसार इरफान का मामला सबसे पहले मर्दन शहर के कोर्ट में चला था, जिसके बाद मामले को एंटी टेररिज्म कोर्ट में लागू नियम के तहत सुनवाई की गई. जहां इरफान को मौत की सजा के अलावा अलग-अलग धाराओं में 10 साल की सजा सुनाई गई. इससे पहले 30 मई को भी पाकिस्तान के बहावलपुर के एक कोर्ट में 22 साल के नुमान नाम के ईसाई को देश के ईशनिंदा कानूनों के तहत सजा सुनाई गई है.


पंजाब प्रांत में न्यू सेंट्रल जेल बहावलपुर में ईसाई व्यक्ति को सजा सुनाई गई. आरोपी के वकील ने कहा कि नुमान के खिलाफ ईशनिंदा के आरोपों से जुड़े कोई भी सबूत नहीं थे. पुलिस के तरफ से पेश किए गए गवाहों में से कोई भी सबूत ईशनिंदा के आरोप की पुष्टि नहीं कर सका.


40 साल स्कॉलर का उतारा मौत के घाट
पाकिस्तान में ये पहला मौका नहीं है, जब ईशनिंदा के आरोपों में सजा दी गई है. इससे पहले पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में भीड़ ने मिलकर एक व्यक्ति की जान ले ली थी. मरने वाले शख्स पर ईशनिंदा का आरोप लगाया था. लोगों ने आरोप लगाया था कि 40 साल स्कॉलर ने उसने पूर्व पीएम इमरान खान की तुलना पैगंबर से कर दी थी. 


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