नई दिल्ली: पाकिस्तानी मीडिया ने पाकिस्तान सरकार के पीओके में स्थित प्राचीन हिंदू मंदिर एवं सांस्कृतिक स्थल शारदा पीठ की यात्रा के लिये एक गलियारे की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी देने का दावा किया है. इससे अब भारत से हिंदू तीर्थयात्रियों को इस मंदिर में दर्शन का मौका मिल पायेगा.
शारदा पीठ गलियारा के खुल जाने से यह पाकिस्तान नियंत्रित क्षेत्र में करतारपुर गलियारे के बाद दूसरा धार्मिक मार्ग होगा जो दोनों पड़ोसी देशों को जोड़ने का काम करेगा. 'एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया कि मंदिर गलियारा खोलने के बारे में भारत पहले ही पाकिस्तान को प्रस्ताव भेज चुका है.
5000 साल पुराना है मंदिर
बता दें कि अशोक के साम्राज्य में 237 ईस्वी पूर्व स्थापित प्राचीन शारदा पीठ करीब 5,000 साल पुराना एक परित्यक्त मंदिर है. यह मंदिर पीओके में स्थित है और कश्मीर के कुपवाड़ा से 22 किलोमीटर की दूरी पर है. कश्मीर में रहने वाला हिंदू समुदाय लंबे समय से इस कॉरिडोर को बनाने की मांग कर रहा था.
पीडीपी भी इसे लेकर अपनी आवाज उठाती रही है. लाइन ऑफ कंट्रोल से इस पीठ की दूरी 10 किलोमीटर है. श्रीनगर से 130 किलोमीटर की दूरी पर स्थित शारदा पीठ देवी के 18 महाशक्ति पीठों में से एक है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार यहां देवी सती का दायां हाथ गिरा था.
इस मंदिर को ऋषि कश्यप के नाम पर कश्यपपुर के नाम से भी जाना जाता था. शारदा पीठ में देवी सरस्वती की आराधना की जाती है. वैदिक काल में इसे शिक्षा का केंद्र भी कहा जाता था. मान्यता है कि ऋषि पाणीनि ने यहां अपने अष्टाध्यायी की रचना की थी. शंकराचार्य यहीं सर्वज्ञपीठम पर बैठे थे. रामानुजाचार्य ने यहां ब्रह्म सूत्रों पर अपनी समीक्षा लिखी.
करतारपुर कॉरिडोर को भी मिल चुकी है मंजूरी
रिपोर्ट्स की मानें तो परियोजना पर काम मौजूदा साल में शुरू हो जायेगा. इसके बाद पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू भी इस स्थल की यात्रा कर सकेंगे. इससे पहले पिछले साल पाकिस्तान सरकार ने करतारपुर साहिब कॉरिडोर बनाने की मंजूरी दी थी. उम्मीद की जा रही है पंजाबी आस्था वाला करतारपुर साहिब कॉरिडोर इस साल शुरू हो जाएगा.
पाक मीडिया का दावा- पीओके में मौजूद हिंदुओं के धर्मस्थल शारदा पीठ कॉरिडोर को मिली मंजूरी