इस्लामाबाद: पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के वरिष्ठ नेता आरिफ अल्वी ने रविवार को देश के 13वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली. अल्वी का शपथग्रहण, मौजूदा राष्ट्रपति ममनून हुसैन का पांच सालों का कार्यकाल पूरा होने के एक दिन पहले हुआ है. 'डॉन' की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश मियां साकिब निसार ने अल्वी को शपथ दिलाई. अल्वी ने जुलाई में नेशनल एसेंबली के चुनाव के दौरान कराची के एनए-247 सीट से जीत हासिल की थी.


यहां ऐवान-ए-सद्र (राष्ट्रपति सभा) में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य न्यायाधीश निसार और प्रधानमंत्री इमरान खान के अलावा सैन्य और असैन्य अधिकारी उपस्थित थे. इस दौरान सऊदी अरब के सूचना मंत्री अवाद बिन सालेह अल आवाद भी उपस्थित थे, जो पाकिस्तान के दौरे पर हैं. 1973 के संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद अब अल्वी नेशनल एसेंबली की सीट पर कायम नहीं रह पाएंगे.


कौन हैं अल्वी
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के नवनिवार्चित राष्ट्रपति आरिफ अल्वी का भारत से अनोखा कनेक्शन निकला है. ये अनोखी जानकारी उनकी पार्टी की वेबसाइट पर है कि उनके पिता भारत के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू के डेंटिस्ट यानी दातों के डॉक्टर थे.


पार्टी के गठन में शामिल थे अल्वी
आपको बता दें कि अल्वी पाकिस्तान के नवनिर्वाचित पीएम इमरान ख़ान के बेहद करीबी हैं और वो उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने पाकिस्तान की सत्ताधारी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ का गठन किया था.


इमरान ने दी अद्भुत बधाई
इमरान खान ने अल्वी को जीत की बेहद अद्भुत बधाई. उन्होंने अपनी और अल्वी के जवानी के दिनों की ये तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा कि जब हमारी दुनिया जवां थी. जिसके बाद उन्होंने लिखा कि अल्वी को राष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई.


अल्वी खुद भी डेंटिस्ट रहे हैं
मंगलवार को देश के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने वाले आरिफ अल्वी खुद भी डेंटिस्ट रहे हैं. पाकिस्तान के आधिकारिक टीवी चैनल पीटीवी न्यूज़ और मतगणना की शुरुआती रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है कि उन्हें जीत हासिल हुई है.

मैदान में थे तीन उम्मीदवार
आपको बता दें कि तीन उम्मीदवारों ने देश के 13वें राष्ट्रपति के पद के लिए चुनाव लड़ा था. अल्वी के अलावा, पीएमएल-एन समर्थित मुत्तहिदा मजलिस-ए-अमल (एमएमए) के अध्यक्ष फजलुर रहमान और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के वरिष्ठ नेता एतजाज अहसान भी चुनाव मैदान में थे. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, अल्वी ने संसद में शुरुआती नतीजों के बाद अपनी जीत की घोषणा कर दी.

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