Pakistan Army Act Vs PTI: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के चीफ इमरान खान (Imran Khan) को पाकिस्तानी सेना ने कड़ी चेतावनी दी है. सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तानी आर्मी ने इमरान को पाकिस्तान छोड़ने का ऑफर दिया है. सेना ने उन्हें कहा है- देश नहीं छोड़ा तो आर्मी एक्ट का सामना करने के लिए तैयार रहो.


अब पाकिस्तान में आर्मी एक्ट की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है, क्योंकि इस तरह के केस दर्ज होने पर दोषी ठहराए गए लोगों को सजा देने की संभावना सबसे ज्यादा होती है. पाकिस्तान में अब तक कई राजनेताओं, पत्रकारों व मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को आर्मी एक्ट के तहत सजा दी चुकी है. ऐसे में इमरान खान की पार्टी PTI के नेता भी भयभीत हैं, उन्हें डर है उनके खिलाफ भी पाकिस्तानी सेना आर्मी एक्ट में कार्रवाई करेगी.




मिलिट्री कोर्ट में दोषी ठहराए गए 345 को मौत की सजा
बता दें कि आर्मी एक्ट से जुड़े मामलों की सुनवाई मिलिट्री कोर्ट में होती है. जहां से किसी के बच निकलने की संभावना काफी कम होती है. एक रिपोर्ट से यह सामने आया है कि जनवरी 2019 तक पाकिस्तान में मिलिट्री कोर्ट में 646 मामले आए. उनमें से 641 मामलों में सजा हुई. मतलब कि 99 फीसदी मामलों में सजा हुई. सिर्फ 5 केस में आरोपी बरी किए गए. वहां मिलिट्री कोर्ट में पेश होने वाले जिन लोगों को दोषी ठहराया गया, उनमें से 345 को मौत की सजा हुई. जबकि 296 आरोपियों को उम्रकैट की सजा हुई. 45 मौत की सजा पाए दोषियों में से 56 को फांसी दी गई.


आर्मी एक्‍ट की धारा-59 से बचना मुश्किल!
हाल ही में यह खबर आई कि इमरान खान के खिलाफ सैन्‍य कानून और गोपनीयता अधिनियम के तहत केस चलाने की तैयारी पूरी हो चुकी है. जिसके बाद से इमरान लगातार ये डर जाहिर कर रहे हैं कि उनके खिलाफ पाकिस्तानी सेना और शहबाज सरकार ने कुछ बड़ा प्लान किया है. लॉ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इमरान के खिलाफ पाकिस्तान में अब तक 100 से ज्यादा मामले दर्ज हो चुके हैं. मगर, उन्हें सबसे ज्यादा डर आर्मी एक्ट के तहत होने वाली कार्रवाई का है. पाकिस्‍तान में आर्मी एक्‍ट की धारा-59 के तहत अगर किसी व्‍यक्ति को दोषी पाया जाता है तो उसे मौत या उम्रकैद की सजा सुनाई जाती है. 


वो पूर्व पीएम जिनका बुरा अंजाम हुआ
पाकिस्‍तान में सितंबर 1956 से अक्‍टूबर 1957 तक प्रधानमंत्री रहे हुसैन शहीद सुहरावर्दी को भी ऐसी ही सजा दी गई थी. उसके बाद 1973 से 1977 तक प्रधानमंत्री रहे जुल्‍फीकार अली भुट्टो को मार्शल लॉ रेगुलेशन 12 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया था. बाद में 4 अप्रैल 1979 को उनको फांसी दे दी गई थी. 


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