Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान (Pakistan) की आर्थिक स्थिति अंतिम सांसे ले रही है. देश में पैसे की तंगी न सिर्फ आम लोगों को झेलनी पड़ी रही है, बल्कि इसका असर देश के आर्मी बजट पर भी साफ देखने को मिल रहा है. हाल ही में अमेरिका में पाकिस्तानी राजदूत ने पैसे की तंगी का रोना रोया है. पाकिस्तान के राजदूत मसूद खान ने गुरुवार (27 अप्रैल) को अमेरिका के सामने आर्मी के लिए पैसे मांगे.
अमेरिका में पाकिस्तानी राजदूत मसूद खान ने आर्मी के लिए फंडिंग करने कि मांग की. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को आर्मी के लिए पैसे देने से इंकार कर दिया था. इसी को दोबारा से बहाल करने के लिए पाकिस्तानी राजदूत ने मांग की है. मसूद खान ने गुरुवार को एक सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि अमेरिका पाकिस्तान के आर्मी के लिए विदेशी फाइनेंस और विदेशी बिक्री को शुरू करें.
पाकिस्तानी राजदूत ने आर्थिक तंगी के बारे में कहा
पाकिस्तानी अखबार डॉन के रिपोर्ट के मुताबिक सेमिनार में दक्षिण और मध्य एशिया की अमेरिकी प्रिंसिपल डेप्युटी असिस्टेंट सेक्रेटरी एलिजाबेथ होर्स्ट भी मौजूद थी. इस दौरान मसूद खान ने देश की आर्थिक तंगी के बारे में सेमिनार में मौजूद वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों को अवगत कराया. दूसरी ओर पाकिस्तान लगातार IMF से बेल आउट पैकेज की मांग कर रहा, लेकिन IMF ने अब तक कोई ऐसा इशारा नहीं किया है, जिसमें पाकिस्तान को कोई उम्मीद दिखें.
पाकिस्तान की करेंसी की कीमत भी लगातार अमेरिकी डॉलर के मुकाबले गिरती जा रही है. पाकिस्तान की आर्मी के हालत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके पास टैंकों में तेल भराने के भी पैसे नहीं है. आर्मी से जुड़े कल पुर्जे के लिए भी पैसे नहीं है.
पाकिस्तानी जनता आ गई है तंग
पाकिस्तानी जनता भी पीएम शहबाज शरीफ के बातों से तंग आ चुकी है. वो ये बात जान चुकी है कि, शहबाज शरीफ सिर्फ हवा-हवाई बातें करने में विश्वास करते हैं. पाकिस्तान में रहने वाले लोग लगातार शहबाज सरकार को कोस रही है. उनका मानना है कि शहबाज जिस तरह के सपने और मंसूबों भारत के लिए पालते है, वो छोड़ देना चाहिए.
उन्हें सबसे पहले अपनी देश की हालात को सुधारने पर ध्यान देना चाहिए. एक पाकिस्तानी व्यक्ति ने कहा कि पाकिस्तान चीन और अमेरिका का गुलाम है. अमेरिका या चीन जब चाहे कुछ भी बोल सकता है और यहां की सरकार को मानना पड़ता है.
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