General Asim Munir: पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने अजीब बयान दिया है. इस्लामाबाद में मौलिवियों के बीच पहुंचे जनरल ने कहा कि जो शरिया और संविधान को नहीं मानते वे पाकिस्तानी नहीं हैं. सेना प्रमुख के इस बयान के बाद सवाल उठना लाजमी है कि जो पाकिस्तान में हिंदू रहते हैं, उनका क्या होगा? यदि वे इस्लामी शरिया कानून को नहीं मानेंगे तो क्या उन्हें पाकिस्तान से बाहर कर दिया जाएगा, या फिर उनको पाकिस्तान का नागरिक नहीं समझा जाएगा? 


गुरुवार को राष्ट्रीय उलेमा सम्मेलन में दिए गए जनरल मुनीर के भाषण से साफ लगा कि उनको पाकिस्तान में बांग्लादेश जैसी हालत होने का डर सता रहा है. भाषण के दौरान असीम मुनीर ने कहा कि पाकिस्तानी फौज की हमेशा कोशिश रही है कि देश में शांति व्यवस्था कायम रहे और सभी लोग कानून का पालन करते रहें. उन्होंने उलेमाओं से समाज में भाईचारा बढ़ाने के लिए काम करने की अपील की.


जनरल मुनीर ने इस्लामी सभ्यता का किया जिक्र
ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पाक सेना प्रमुख ने कहा कि पश्चिमी सभ्यता और जीवन शैली हमारे देश का आदर्श नहीं है. हमें अपनी तहजीब पर गर्व होना चाहिए. इस्लाम को मानने वालों की सभ्ययता पश्चिमी देशों से अलग है, मुसलमानों को पैगम्बर के दिखाए रास्ते पर चलना चाहिए. बलूचिस्तान और केपी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ पख्तून और खैबर पख्तूनख्वा के लोगों ने बड़ा बलिदान दिया है. वे लोग हमेशा देश और सेना के साथ खड़े रहे हैं. 


सेना प्रमुख ने सोशल मीडिया पर फोड़ा ठीकरा
सेना प्रमुख में देश में किसी भी संकट से निपटने का इशारा करते हुए कहा कि यदि पाकिस्तान में कोई अराजकता पैदा करने की कोशिश करेगा तो हम उससे शख्ती से निपटेंगे. उन्होंने कहा कि हम यह साफ कर देना चाहते हैं कि दुनिया की कोई भी ताकत पाकिस्तान को नुकसान नहीं पहुंचा सकता है. उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी फौज के खिलाफ साजिशें रची जा रही हैं, इससे देश का राजनीतिक और सामाजिक तानाबाना बिगड़ रहा है. 


गाजा युद्ध से दुखी हैं पाकिस्तानी जनरल
जनरल असीम मुनीर ने कश्मीर मुद्दे का जिक्र करते हुए कहा कि कश्मीर का बंटवारा भारत-पाकिस्तान का अधूरा एजेंडा है. इस मुद्दे को दोनों देशों को मिलकर ही सुलझाना होगा. गाजा में चल रहे युद्ध को याद करते हुए उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन में हो रहे अत्याचार पर हमारा दिल रोता है. हमें फिलिस्तीन से सबक लेनी चाहिए और अपने देश की रक्षा करते हुए आगे बढ़ना चाहिए. 


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