Pakistan Army: 'पाकिस्तान की राजनीतिक, आर्थिक उथल-पुथल इतनी भयानक...', पूर्व PM अब्बासी ने दी तख्तापलट की चेतावनी
Pakistan: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान आर्थिक संकट के साथ साथ राजनीतिक संकट से भी जूझ रहा है. वहां सुप्रीम कोर्ट और शहबाज शरीफ की अगुवाई वाली केंद्र सरकार के बीच कई फैसलों पर रार ठन गई है.
Pakistan Army Rule: पाकिस्तान में वहां के पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी (Shahid Khaqan Abbasi) ने अपने मुल्क की मौजूदा हालात को लेकर बड़ा डर जाहिर किया. अब्बासी ने लोगों को चेताते हुए कहा कि मौजूदा आर्थिक और राजनीतिक संकट पाकिस्तान को सैन्य शासन की ओर ले जा रहा है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में अब जो हालात हैं, वे सैन्य अधिग्रहण के लिए काफी है.
द डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, शाहिद खाकान अब्बासी ने कहा कि सेना ने अतीत में बहुत कम गंभीर परिस्थितियों में हस्तक्षेप किया है, लेकिन जब ऐसा किया तो मुल्क की बागडोर अपने हाथों में ही ले ली. अब्बासी ने कहा, "यदि व्यवस्था विफल हो जाती है या जब संस्थानों और राजनीतिक नेतृत्व के बीच संघर्ष होता है, तो उसके आगे मार्शल लॉ की हमेशा संभावना रहती है."
'पाकिस्तान में पहले कभी ऐसा नहीं हुआ'
उन्होंने कहा, "पाकिस्तान में पहले भी कई बार लंबे समय तक मार्शल लॉ लगा है. लेकिन पाकिस्तान ने पहले कभी इतनी [अधिक] गंभीर आर्थिक और राजनीतिक स्थिति नहीं देखी है. बहुत कम गंभीर परिस्थितियों में सेना ने मुल्क की बागडोर अपने हाथों में ली.," उन्होंने कहा, "वास्तव में, यदि आर्थिक और राजनीतिक संकट ऐसे ही बढ़ता रहा तो सेना शासन को अपने हाथ में ले सकती है."
अगस्त 2017 से मई 2018 तक पीएम रहे थे अब्बासी
बता दें कि शाहिद खाकान अब्बासी ने अगस्त 2017 से मई 2018 तक पाकिस्तान के 21वें प्रधानमंत्री के रूप में जिम्मेदारी संभाली थी. उनके बाद इमरान खान पाकिस्तान के अगले प्रधानमंत्री बने थे. हालांकि, इमरान भी कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए और उन्हें 2022 में सत्ता से बेदखल कर दिया गया था. अब पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी पाकिस्तान की सत्ता में है, जिससे पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ पाकिस्तान के वर्तमान प्रधानमंत्री हैं.
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के ही नेता हैं
शाहिद खाकान अब्बासी भी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी के नेता हैं. इन दिनों जब उनका मुल्क पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है और विदेशी कर्ज के बोझ तले दब रहा है, बढ़ती महंगाई का शिकार हो रहा है, तो अब्बासी ने वहां सैन्य-हस्तक्षेप की चेतावनी दी है. इसके अलावा उन्होंने शीर्ष नेताओं से आपसी बातचीत शुरू करने का भी आग्रह किया है.
घटता जा रहा पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार
पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने पिछले सप्ताह कहा था कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर चार अरब डॉलर रह गया है. और, यदि उन्हें अपने आर्थिक हालात सुधारने हैं तो तत्काल आर्थिक पैकेज चाहिए है. पाकिस्तानी हुकूमत बेलआउट पैकेज के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ बातचीत कर रही है, लेकिन अभी भी उसे ये मिल नहीं पाया है.
आईएमएफ से नहीं मिल रहा बेलआउट पैकेज
पाकिस्तान के आर्थिक विशेषज्ञ कह रहे हैं कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से यदि 1.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बेलआउट पैकेज का उद्देश्य पूरा होगा तो उनके देश को दिवालिया होने से बचाया जा सकता है. ये फंड 2019 में आईएमएफ द्वारा स्वीकृत 6.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बेलआउट पैकेज का हिस्सा है, जो कि अभी जारी नहीं किया गया है.
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