नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार काउंसिल मुख्यालय के बाहर पाकिस्तान आर्मी स्टॉप स्पोर्टिंग टेररिज्म के पोस्टर लगे दिखाई दिए जहां 43वां सेशन चल रहा है. लाल रंग के पोस्टरों पर सफेद रंग से ये बात लिखी गई है और इसे पाकिस्तानी आर्मी के विरोध के रूप में देखा जा रहा है.


ऐसा माना जाता रहा है कि पाकिस्तानी आर्मी बलोच, पश्तून, अहमदिया, सिंधी और हिंदू समेत अन्य अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन करती है. पाकिस्तानी आर्मी पर आतंक और आतंकियों को संरक्षण देने के भी आरोप लगते रहे हैं.


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तहरीक ए तालिबान के नेता एहसानुल्लाह अहसान हाल ही में पाकिस्तानी आर्मी की गिरफ्त से निकल कर भाग गया. ऐसा माना जा रहा है कि पाकिस्तान के लोग वहां हो रहे सैन्य अत्याचारों से नाराज हैं और इन पोस्टरों को इसी प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है.


अभी हाल ही में पाकिस्तान के वैज्ञानिक परवेज ने कहा कि हमें ऐसा देश नहीं चाहिए जो सेना के लिए बनाया गया हो. हमें ऐसे मुल्क की जरूरत है जिसमें सभी के हितों का ध्यान रखा जाए. विचारधारा के बिना भी कोई देश आगे बढ़ सकता है.


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2017 में पाकिस्तान पर फासीवादी धार्मिक देश बनने का आरोप लगाने वाले वैज्ञानिक ने कहा था कि हॉलैंड और जापान किसी विचारधारा पर नहीं चलते और बांग्लादेश की आर्थिक स्थिति भी पाकिस्तान से बेहतर है.


आपको बता दें कि पाकिस्तान की सेना वहां की सरकार पर हावी रहती है और हालिया सरकार पर भी सैनिक कठपुतली होने के आरोप लगते रहे हैं. पाकिस्तान की ओर से ऐसी आवाजें अक्सर आती रही हैं और ताजा पोस्टरों को भी ऐसे ही देखा जा रहा है.