Pakistan Army Act: पाक सेना के सख्त रवैये से इमरान खान की PTI में हड़कंप, मुकदमे के खौफ से पार्टी छोड़ रहे इसके नेता- समर्थक
Pakistan Army Act: नेशनल सिक्योरिटी कमेटी ने फैसला किया है कि सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ करने वाले उपद्रवियों पर 'पाकिस्तान आर्मी एक्ट' और 'ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट' के तहत मुकदमा चलाया जाएगा.
PTI Chief Imran Khan: पाकिस्तान के पूर्व पीएम और पीटीआई चीफ इमरान खान को 9 मई को गिरफ्तार किये जाने के बाद मुल्क में जमकर हिंसा हुई थी. इमरान के समर्थकों ने सैन्य संस्थानों पर तोड़फोड़ और हमला किया था. घटना के करीब एक हफ्ते के बाद अब इसमें शामिल लोगों के खिलाफ पाकिस्तानी सेना ने सख्त रवैया अपनाया है.
पाक सेना के शीर्ष नेतृत्व ने सैन्य संस्थानों पर हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का फैसला लिया है. नेशनल सिक्योरिटी कमेटी ने फैसला किया है कि सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ करने वाले उपद्रवियों पर 'पाकिस्तान आर्मी एक्ट' और 'ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट' के तहत मुकदमे चलाये जाएंगे.
पीटीआई पार्टी में हड़कंप
पाक सेना के इस एक्शन के बाद अब इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) में हड़कंप मचा हुआ है. पीटीआई के नेता पार्टी छोड़ रहे हैं. मंगलवार (9 मई) को हुई हिंसा के बाद पीटीआई के कराची से सांसद महमूद मौलवी ने भी मंगलवार (16 मई) को पार्टी छोड़ने और सांसदी से इस्तीफे की घोषणा की है.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में महमूद ने कहा कि 9 मई का दिन पाकिस्तान के इतिहास में 'काले दिन' के रूप में जाना जाएगा. उस दिन जो भी हुआ वह बहुत निंदनीय है. मैं कभी भी पाकिस्तानी सेना के खिलाफ नहीं जा सकता. मैं पार्टी के सैन्य विरोधी अभियान का समर्थन नहीं कर सकता'. मौलवी ने सवाल किया कि 'शहीद स्मारकों को निशाना बनकर आप क्या संदेश देना चाहते हैं?'
पाक विश्लेषक ने किया ट्वीट
नजम अली नाम के एक पाकिस्तानी विश्लेषक ने इस मामले पर ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, "यह सेना अधिनियम के तहत अभियोग का डर और नतीजा है जो पीटीआई के अंदर दिखाई देने वाले असंतोष का कारण बन रहा है. वे सामान्य अदालतों के बारे में परेशान नहीं होते हैं. पीटीआई नेताओं के लिए इन हमलों की जबरदस्ती निंदा न करना असंभव होगा, अन्यथा उनका राजनीतिक अस्तित्व दांव पर लग जाएगा. आइए देखें कि आईके (इमरान खान) ऐसी असहमति वाली आवाजों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं? या वह भी दबाव के आगे झुक जाएंगे और इन हमलों की साफ तौर से निंदा करेंगे? "
It is the fear and consequences of prosecution under the Army Act that is causing visible dissent within PTI. They wouldn’t have bothered about normal courts.
— Najam Ali (@NajamAli2020) May 16, 2023
PTI leaders will find it impossible to not forcefully condemn these attacks, otherwise their political survival will be…
सेना के एक्ट में हो सकती है कड़ी सजा
बीते 9 मई को रावलपिंडी में जनरल मुख्यालय पर भी हमला हुआ था. इसके साथ ही, लाहौर में कोर कमांडर हाउस में आग लगा दी गई थी. पाकिस्तान आर्मी एक्ट के तहत मुकदमा चलने की बात से इमरान के समर्थकों में भय का माहौल है. एक्ट के मुताबिक, उन लोगों के खिलाफ इस तरह के भी आरोप तय किए जा सकते हैं, जिसके लिए उन्हें मौत की सजा या आजीवन कारावास हो सकता है.
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