Pakistan Army Vs Imran khan: पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ( Imran khan) की मुसीबतें बढ़ती ही जा रही हैं. उनके खिलाफ वहां 100 से ज्यादा मामले दर्ज हो चुके हैं. वहीं, अब इमरान पर सैन्‍य कानून और गोपनीयता अधिनियम के तहत केस चलाने की तैयारी है. अगर इस केस वो दोषी ठहराते जाते हैं तो उन्‍हें फांसी या उम्रकैद की सजा हो सकती है.


इमरान को फांसी की खबर पढ़कर आप चौंक जरूर गए होंगे. मगर, पाकिस्तान के अतीत में ऐसा कई दफा हो चुका है, जब कद्दावर राजनेताओं को फांसी पर लटका दिया गया. यहां हम आपको बताएंगे कि पाकिस्‍तान में इमरान जैसे पॉपुलर नेता को भी आखिर कैसे फांसी दी जा सकती है. दरअसल, इमरान इन दिनों पाकिस्तान की शहबाज हुकूमत और पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर की आंखों की किरकिरी बने हुए हैं. आसिम मुनीर को अक्टूबर 2018 में ISI चीफ बनाया गया था, और महज 8 महीने बाद ही उन्हें पद से हटा दिया गया था. वो सबसे छोटे कार्यकाल वाले ISI चीफ रह गए. कहा गया कि आसिम को हटाने के पीछे उस वक्त के प्रधानमंत्री इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी थीं. और, इन दिनों न सिर्फ इमरान बल्कि उनकी पत्नी बुशरा बीबी की भी मुसीबतों का सामना कर रही हैं.


इमरान पाक सेना के खिलाफ आए रोज टिप्पणियां कर रहे हैं, और यह जगजाहिर है कि पाकिस्तान में सेना ही सत्ता की असली खिलाड़ी है, जो भी उसकी खिलाफत करता है या तो वो मारा जाता है, या उसका सियासी करियर तबाह हो जाता है.




पाकिस्‍तानी सेना और सरकार की मिलीभगत पड़ेगी भारी!
विगत 9 मई को इमरान खान एक केस में इस्लामाबाद हाईकोर्ट के बाहर से गिरफ्तार कर लिए गए थे. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के जज ने उन्हें रिहा करा दिया. यह पहली बार हुआ जब कोई पूर्व पीएम पाक में गिरफ्तार किया गया है और भारी विरोध के चलते महज 48 घंटे में उसे जेल से बाहर निकालना पड़ा. इसे पाकिस्तानी सेना और सरकार को चुनौती के रूप में देखा गया. इसके बाद पाकिस्‍तानी सेना और मौजूदा सरकार ने उनके खिलाफ मिलिट्री एक्‍ट और ऑफिशियल सीक्रेट एक्‍ट के तहत मुकदमा चलाने का फैसला किया.


आर्मी एक्ट के तहत केस दर्ज होना सबसे बड़ा झटका
आर्मी एक्ट के तहत केस दर्ज करने की वजह इमरान समर्थकों द्वारा सेना की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना बताई गई. पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग 'इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस' यानी ISPR ने इस घटना में शामिल लोगों के खिलाफ आर्मी एक्ट के तहत कार्रवाई करने की बात कही है. पाकिस्‍तान में आर्मी एक्‍ट की धारा-59 के तहत अगर किसी व्‍यक्ति को दोषी पाया जाता है तो उसे मौत की सजा सुनाई जाती है. पाक सेना इस कानून का इस्‍तेमाल अब तक मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और दिग्‍गज नेताओं के खिलाफ कई बार कर चुकी है. वहीं, ऑफ‍िशियल सीक्रेट एक्‍ट की धारा-3 के तहत भी दोषी को मौत या उम्रकैद की सजा होती है.


..तो इमरान का बच निकलना नामुमकिन होगा
यदि इमरान को इस तरह के केस में मिलिट्री कोर्ट में पेश किया गया तो उनका बच पाना मुश्किल होगा. क्योंकि, बीते तीन साल में मिलिट्री कोर्ट 345 लोगों को मौत की सजा सुना चुका है, जिनमें से 56 की सजा पर अमल भी हो चुका है. वहीं, 296 लोगों को मिलिट्री कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है.


वो पूर्व पीएम जिनका बुरा अंजाम हुआ
पाकिस्‍तान में सितंबर 1956 से अक्‍टूबर 1957 तक प्रधानमंत्री रहे हुसैन शहीद सुहरावर्दी को भी ऐसी ही सजा दी गई थी. उसके बाद 1973 से 1977 तक प्रधानमंत्री रहे जुल्‍फीकार अली भुट्टो को मार्शल लॉ रेगुलेशन 12 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया था. बाद में 4 अप्रैल 1979 को उनको फांसी दे दी गई थी. 


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