इस्लामाबाद: ईशनिंदा के आरोप में मृत्युदंड की सजा से बरी की गईं ईसाई महिला आसिया बीबी के वकील ने शनिवार को देश छोड़ दिया. वकील सैफ-उल-मुलूक ने कहा कि पाकिस्तान में उसके जीवन को खतरा था. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, धार्मिक पार्टियों ने देशभर में प्रदर्शन किया और मुलूक और फैसला सुनाने वाले न्यायाधीशों को जान से मारने की धमकी दी.


एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक मुलूक ने दावा किया कि उन्हें वकीलों के कई धड़ों की ओर से भी धमकी मिल रही है और ऐसे में यहां काम करना संभव नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने 31 अक्टूबर को अपने फैसले में बीबी को तत्काल रिहा करने के आदेश दिए थे, क्योंकि उसके खिलाफ ईशनिंदा के आरोप साबित नहीं हो सके थे.


मुलूक ने एक्सप्रेस ट्रिब्यून से कहा कि अगर सेना उन्हें सुरक्षा मुहैया कराएगी तो वह समीक्षा याचिका की सुनवाई के दौरान आसिया का प्रतिनिधित्व करेंगे. उन्होंने कहा, "मेरा परिवार भी खतरे का सामना कर रहा है और सरकार को उन्हें सुरक्षा मुहैया कराना चाहिए."


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