Pakistan Nuclear Weapons: आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान (Pakistan) के सरकारी खजाने में रकम की किल्लत है. अपने हालात दुरुस्त करने के लिए पाकिस्तान को अब न IMF, न वर्ल्ड बैंक से कर्ज मिल रहा है, न ही चीन (China) और सउदी अरब (Saudi Arabia) जैसे मित्रराष्ट्र उसे आर्थिक पैकेज दे रहे हैं. ऐसे में पाकिस्तानी सेना (PAK Amry) और ISI के करीबी जैद हामिद ने पाक हुकूमत को अपने परमाणु बम (Nuclear Bomb) बेचने की सलाह दी है. हामिद ने कहा है कि यदि हम 5 परमाणु सउदी अरब या तुर्किये को बेच दें तो हमें अरबों डॉलर मिल जाएंगे.


अब सवाल उठ रहा है कि क्या पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों को बेचकर कंगाली दूर करेगा? यदि हां तो वो ऐसे कितना धन जुटा सकता है? दरअसल, परमाणु हथियारों में इस्तेमाल होने वाला यूरेनियम और प्लूटोनियम दुनिया में बेहद कम जगहों पर ही पाया जाता है और इन तत्वों की कीमत काफी ज्यादा होती है. यूरेनियम दुनिया के सबसे महंगे तत्वों में से एक है. डिफेंस एक्सपर्ट्स के मुताबिक, परमाणु बम बनाने के लिए यूरेनियम को अत्यधिक संवर्धित करना पड़ता है, यानी उसे बेहद शुद्ध करके ही उससे परमाणु हथियार बनाए जा सकते हैं. फिलहाल, इस्लामिक दुनिया में पाकिस्तान इकलौता मुल्क है, जिसके पास ये क्षमता है. इसलिए पाकिस्तान खुद को परमाणु शक्ति संपन्न मानता है.




पाकिस्‍तान के राजनीतिक विश्‍लेषक जैन हामिद ने अपने यहां की हुकूमत को मशविरा देते हुए एक वीडियो में कहा कि "अगर आप 5 वॉरहेड (परमाणु हथियार) सऊदी अरब को देंगे तो वो एक घंटे में आपको 25 अरब डॉलर दे देगा. इसी तरह यदि तुर्किये को 5 वॉरहेड दे देंगे तो वो भी 20 अरब डॉलर दे सकता है." 


पाकिस्तान 40 वॉरहेड्स बेचकर अपना कर्ज चुका सकता है?
बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के पास अब 165 वारहेड्स का परमाणु जखीरा है. यदि जैद हामिद के दावेनुसार, पाकिस्तान के 5 वारहेड्स की कीमत 25 अरब डॉलर लगाई जाए तो 20 वारहेड्स बेचने पर वो 100 अरब डॉलर हासिल कर लेगा. इसी तरह 40 वारहेड्स बेचने पर उसे 200 अरब डॉलर मिल जाएंगे. पाकिस्तान को मौजूदा आर्थिक संकट से निकालने के​ लिए इतनी ही आर्थिक राशि की जरूरत है, जिसमें 100 अरब डॉलर से ज्यादा उसे अपना विदेशी कर्ज चुकाने के​ लिए चाहिए हैं.




एक न्यूक्लियर वॉरहेड की लागत कितनी होती है?
वैसे पाकिस्तान को 5 वारहेड्स पर 25 अरब डॉलर मिलने के जैद हामिद के दावे को कई विशेषज्ञ सही नहीं मानते. दरअसल, दक्षिण कोरियाई सरकार के एक विश्लेषण में परमाणु हथियारों की कीमत के बारे में कहा गया था कि उत्तर कोरिया के न्यूक्लियर प्रोग्राम की लागत 1.1 बिलियन डॉलर से 3.2 बिलियन डॉलर के बीच होगी. पिछले साल रॉयटर्स ने एक रिपोर्ट में ये बात बताई. कहा गया कि 'यदि उत्तर कोरिया के पास 60 वारहेड हैं, तो प्रत्येक वारहेड की लागत लगभग 18 मिलियन डॉलर से 53 मिलियन डॉलर के बीच होगी.' हालांकि, कई विशेषज्ञों का कहना है कि परमाणु बम की कीमत उनके आकार, गुणवत्ता और विश्वसनीयता पर निर्भर होगी. अब तक परमाणु हथियार का इस्तेमाल केवल एक बार हुआ है, जो अमेरिका ने जापान पर गिराए थे, तो अमेरिकी परमाणु बम अधिक विश्वसनीय हुए. 


आखिरी सवाल- क्या पाक परमाणु हथियार बेच सकेगा?
वहीं, पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के जखीरे पर कई भारतीय सैन्य अधिकारी ये कह चुके हैं कि वो 'झूठ' फैलाता है. एक सैन्य अधिकारी ने कहा था कि हम पाक के परमाणु कार्यक्रम के झूठे दावे से चिंतित नहीं हैं.' इसका मतलब ये हुआ कि दुनिया को भी पाक के परमाणु हथियारों की क्षमता पर संदेह होगा. वहीं, कुछ अंतर्राष्ट्रीय नियम ऐसे हैं, जिनमें साफ कहा गया है कि पाकिस्तान जैसा कोई देश परमाणु हथियारों की तकनीक दूसरों को नहीं दे सकता. एक बार ऐसा हुआ था, जब पाकिस्तान के 'परमाणु कार्यक्रम' के जनक डॉ. अब्दुल कादिर खान ने न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी उत्तर कोरिया को देने की कोशिश की थी, तो दुनिया ने पाकिस्तान को आड़े हाथ ले लिया था. ऐसे में इसकी संभावना बेहद कम है कि पाकिस्तान अपने परमाणु ह​थियार बेच सके.


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