Nishan-e-Pakistan Award: दाऊदी बोहरा समुदाय के प्रमुख को मिला पाकिस्तान का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान, पहले भी कई भारतीयों को मिल चुका है पुरस्कार
Nishan-e-Pakistan Award: दाऊदी बोहरा समुदाय के प्रमुख डॉ. सैफुद्दीन (77) संप्रदाय के 53वें दाई अल-मुतलक हैं. बोहरा समुदाय का मुख्यालय मुंबई में है.
Pakistan Gave Nishan-e-Pakistan Award To Syedna Mufaddal Saifuddin: इस्लाम के दाऊदी बोहरा पंथ के प्रमुख डॉ सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन को मंगलवार (5 दिसंबर) को पाकिस्तान के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'निशान-ए-पाकिस्तान' से नवाजा गया. पाकिस्तान के राष्ट्रपति कार्यालय ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा कि राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी ने ऐवान-ए-सद्र में आयोजित एक विशेष समारोह में दाऊदी बोहरा समुदाय के प्रमुख डॉ. सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन को निशान-ए-पाकिस्तान पुरस्कार से सम्मानित किया.
दाऊदी बोहरा समुदाय के प्रमुख डॉ. सैफुद्दीन (77) संप्रदाय के 53वें दाई अल-मुतलक हैं. बोहरा समुदाय का मुख्यालय मुंबई में है. दाऊदी बोहरा समुदाय के अनुयायी 40 से अधिक देशों में रहते हैं और पाकिस्तान में भी इनकी बड़ी संख्या है. समुदाय के लोग इन देशों में कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए विकास कार्य करते हैं.
President Dr. Arif Alvi conferred the award of Nishan-i-Pakistan upon Dr. Syedna Mufaddal Saifuddin, Head of the Dawoodi Bohra community, at a special investiture ceremony, held at Aiwan-e-Sadr. pic.twitter.com/Sc09FrMty5
— The President of Pakistan (@PresOfPakistan) December 5, 2023
सामाजिक सेवाओं के लिए मिला सम्मान
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार डॉ. सैफुद्दीन को यह पुरस्कार पाकिस्तान में आध्यात्मिक मार्गदर्शन और सामाजिक सेवाओं के क्षेत्र में की गई सेवाओं के लिए प्रदान किया गया. पुरस्कार प्रदान करने से पहले पढ़े गए प्रशस्ति पत्र में कहा गया है कि बोहरा समुदाय के मुखिया पाकिस्तान के प्रति विशेष सम्मान रखते हैं और शांति, एकता और सद्भावना के समर्थक हैं. शिक्षा क्षेत्र में उनके योगदान को लेकर कहा गया कि उन्होंने कराची विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ लॉ के निर्माण में योगदान दिया था और एक विश्वविद्यालय परियोजना शुरू की थी.
कई लोगों को किया गया सम्मानित
बोहरा समुदाय के प्रमुख के नाम पर कई स्वास्थ्य सेवा संस्थान चल रहे हैं जो लोगों को सस्ती स्वास्थ्य सेवा प्रदान करते हैं. निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय मोरारजी देसाई थे. उन्हें 1990 में यह सम्मान दिया गया था. 1998 में अभिनेता दिलीप कुमार को कला और संस्कृति के क्षेत्र में दिया जाने वाला पाकिस्तान का सर्वोच्च पुरस्कार निशान-ए-इम्तियाज प्रदान किया गया. साल 2020 में कश्मीरी अलगाववादी नेता अली गिलानी को भी निशान-ए-पाकिस्तान प्रदान किया गया है.