भारत पर हमले जारी रख सकते हैं पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी: अमेरिकी खुफिया प्रमुख
नेशनल इंटेलिजेंस के निदेशक डेन कोट्स की यह टिप्पणी शनिवार को जम्मू के सुंजवां सेना कैंप पर जैश-ए-मोहम्मद के आतकंवादियों की तरफ से किए गए हमले के कुछ दिन बाद आई है.
नई दिल्ली: अमेरिका के खुफिया विभाग के प्रमुख ने कहा है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन भारत के भीतर हमले जारी रख सकते हैं. जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमले बढ़ने के बीच अमेरिका के खुफिया विभाग के प्रमुख डेन कोट्स ने इन हमलों के प्रति चेताया है. नेशनल इंटेलिजेंस के निदेशक डेन कोट्स की यह टिप्पणी शनिवार को जम्मू के सुंजवां सेना कैंप पर जैश-ए-मोहम्मद के आतकंवादियों की तरफ से किए गए हमले के कुछ दिन बाद आई है. इस घटना में छह सैनिकों समेत सात लोग मारे गए थे. श्रीनगर के करन नगर में 12 फरवरी को सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच काफी देर तक गोलीबारी हुई थी.
पाकिस्तान, अमेरिकी हितों को नुकसान पहुंचाना जारी रखेगा -डेन कोट्स
खुफिया जानकारी पर सीनेट की चयन समिति को पेश की गई अपनी गवाही में कोट्स ने कहा कि पाकिस्तान नए परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का संकेत देकर, आतंकवादियों से अपने संबंध बरकरार रखकर, आंतकवाद विरोधी सहयोग को रोककर और चीन से करीबी बनाकर अमेरिकी हितों को नुकसान पहुंचाना जारी रखेगा.
अमेरिकी खुफिया समुदाय के जरिए किए गए वैश्विक खतरों के मूल्यांकन की सुनवाई के दौरान कोट्स ने कहा, ‘पाकिस्तान से समर्थन प्राप्त आतंकवादी संगठन पाकिस्तान में अपने सुरक्षित पनाहगाहों का फायदा उठाना जारी रखते हुए भारत, अफगानिस्तान के साथ ही अमेरिकी हितों वाले देशों के खिलाफ हमले की योजना बनाना और हमले करना जारी रखेंगे.’
आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बढ़ाने का कोई खास असर नहीं -अमेरिकी खूफिया प्रमुख
कोट्स ने कहा कि भारत की तुलना में अपनी स्थिति को खराब समझने का पाकिस्तान का बोध उसके अलग-थलग पड़ने की आशंकाओं को और बढ़ा देगा जिससे वह भारत के लिए तय अमेरिकी लक्ष्यों के खिलाफ काम करेगा. पाकिस्तान के किसी भी आतंकी संगठन का नाम लिए बिना ही कोट्स ने सांसदों से कहा कि इन संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बढ़ाने का कोई खास असर नहीं देखने को मिला है. साथ ही उन्होंने कहा कि दोनों पड़ोसी एशियाई देशों के बीच तनाव बढ़ने की आशंका है. उन्होंने कहा, ‘नियंत्रण रेखा पर जारी हिंसा के चलते भारत और पाकिस्तान के रिश्ते तनावपूर्ण बने रह सकते हैं और पाकिस्तान की ओर से आगे किसी तरह का बड़ा हमला किए जाने की सूरत में यह तनाव और बढ़ सकता है.’