Pakistani Crisis: पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति दिन-ब-दिन दम तोड़ती जा रही है. देश की जनता आर्थिक तंगी की वजह से परेशान हो रही है. हाल ही में पाकिस्तान की करेंसी भी डॉलर के मुकाबले 266 रुपये पर आ चुकी है. वहीं दूसरी ओर विदेशी मुद्रा भंडार भी बहुत कम हो चुका है, जो करीब 3 मिलियन डॉलर है. इस स्थिति में विदेशी मुद्रा भंडार सिर्फ 3 हफ्ते के लिए ही पर्याप्त है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) से लगातार पैसे के लिए गुहार लगा रहे हैं, लेकिन IMF ने भी पैसे देने के लिए कड़ी शर्तें लगाई हैं, जिसकी स्थिति में पाकिस्तान की हालत और भी ज्यादा खराब हो सकती है. पाकिस्तान में अक्सर आरोप लगाते रहते हैं कि वहां के एलीट ग्रुप के लोग पब्लिक के पैसों की चोरी करते है. इसी बीच पाकिस्तान के भौतिक विज्ञानी लेखक परवेज हुदभाय देश की सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि आर्थिक तंगी के लिए आतंकवाद को पनाह देना सबसे बड़ा कारण है.
देश की यूनिवर्सिटीज अच्छी नहीं
परवेज हुदभाय ने कहा कि देश में धर्म और प्रोपेगेंडा के आधार पर एजुकेशन देना किसी भी सूरत में भला नहीं कर सकती है. उन्होंने देश के यूनिवर्सिटीज पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ यूनिवर्सिटीज को छोड़कर सारी बेकार हैं. देश के प्रोफेसर टैक्सी चलाने के काबिल नहीं है. उन्होंने कहा कि देश की जनता को ये समझना होगा की देश की आर्थिक तंगी के पीछे कौन जिम्मेदार है. परवेज ने पाकिस्तान के वेस्टर्न देशों को लेकर सोच पर भी तंज कसते हुए कहा कि एक तरफ आप वेस्टर्न से नफरत रखते है और दूसरी और बेलआउट पैकेज के लिए उन्हीं पर डिपेंड है. पाकिस्तान तालिबान और आतंकवाद के लिए जिम्मेदार है.
पाकिस्तान के अमीर तबके
पाकिस्तान के अमीर लोगों को लताड़ते हुए परवेज ने कहा कि इस देश के अमीर लोग भ्रष्ट हैं. वो कानून में जरा सा भी यकीन नहीं रखते हैं. दुनिया के दूसरे देश भारत, अमेरिका, यूरोप , रूस और चीन के अमीर लोग खुद के देश की तरफ ध्यान देतें है. वहीं पाकिस्तान के अमीर लोग सिर्फ खुद पर ही ध्यान सीमित रखते है. पाकिस्तान के हालात में अमीरों का भी हाथ है, वो लोग देश के आर्थिक स्थिति के लिए जिम्मेदार है.