Balochistan: बढ़ते विरोध-प्रदर्शनों से घबराई पाक सरकार! वज़ीर-ए-आला ने लगाई विद्रोहियों से सभी मुद्दों पर वार्ता की गुहार
पाक आए रोज कश्मीर मुद्दे पर भारत की आलोचना करता रहता है, लेकिन वहां के हुक्मरान पाकिस्तानी आधिपत्य वाले बलूचिस्तान पर चर्चा से डरते हैं. बलूचिस्तान की आजादी की मांग उठ रही हैं तो हुकूमत चिंतित है.
Pakistan Balochistan Conflict: बलूचिस्तान में बढ़ते विरोध-प्रदर्शनों से पाकिस्तानी हुकूमत का माथा ठनक रहा है. इस पाकिस्तानी प्रांत में नाराज बलूच विद्रोहियों की ओर से पाकिस्तानी सेना और कई चरमपंथी संगठनों के खिलाफ हमले भी किए गए हैं. इससे पाकिस्तानी हुकूमत और सेना दोनों बलूचिस्तान में विद्रोहियों का नाश करने की कोशिश करते रहे हैं. इस सबके बावजूद विद्रोह पनप रहा है.
खबर है कि अब बलूचिस्तान प्रांत के मुख्यमंत्री (वज़ीर-ए-आला) मीर अब्दुल कुदूस बिजेन्जो ने बलूच विद्रोहियों से सरकार के साथ सभी मुद्दों पर बातचीत करने का आग्रह किया है. पाकिस्तानी मीडिया में इसकी जानकारी दी गई. डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, मीर अब्दुल कुदूस बिजेन्जो ने कहा कि पहाड़ों पर रहने वाले (नाराज बलूच विद्रोही) अगर खुद को बलूचिस्तान के लोगों का शुभचिंतक मानते हैं, तो उन्हें प्रांत की दशकों से चली आ रही समस्याओं को हल करने के लिए बातचीत शुरू करनी चाहिए.
'बातचीत ही सभी मुद्दों का समाधान खोजने का अच्छा तरीका'
मीर अब्दुल कुदूस बिजेन्जो ने ग्वादर पोर्ट (बंदरगाह वाला शहर) की अपनी यात्रा के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बातचीत ही सभी मुद्दों का समाधान खोजने का अच्छा तरीका है. हम चाहते हैं कि वे (नाराज बलूच विद्रोही) हमसे बातचीत करें क्योंकि यह एक उपयुक्त रास्ता खोजने का सही तरीका है.
'बंदूक उठाने के बजाय लोगों की भलाई में मदद करें विद्रोही'
मीर अब्दुल कुदूस बिजेन्जो ने कहा, "बलूच विद्रोही बंदूक उठाने के बजाय, समस्याओं को हल करने और बलूचिस्तान के लोगों की भलाई के लिए काम करने में हमारी मदद करें." उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान में अच्छे फैसले लागू करना अब सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और प्रांत में लोक सेवा आयोग के माध्यम से निचले स्तर के कर्मचारियों को भी नियुक्त करने का निर्णय लिया गया है.
'मुल्क को हमने इंटरनेशनल कोर्ट के जुर्माने से बचाया'
बलूचिस्तान प्रांत के मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने कार्यों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए ई-टेंडरिंग सिस्टम शुरू किया है. उन्होंने कहा कि इस तरह के सिस्टम से सभी निविदाएं योग्यता के आधार पर प्रदान की जाएंगी. उन्होंने कहा कि हमने मुल्क को इंटरनेशनल कोर्ट द्वारा लगाए गए भारी जुर्माने से बचाया है क्योंकि हमने रेको दीक समस्या को समझदारी से हल किया है. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि बलूचिस्तान को आर्थिक रूप से स्थिर बनाया जाए, इसके लिए स्थानीय लोगों का भरपूर समर्थन मिले.