Sindhudesh Revolutionary Army: पाकिस्तान में सिंधी अलगाववादी संगठन 'सिंधुदेश रिवॉल्यूशनरी आर्मी (SRA)' ने शाहदकोट (Shahdadkot) में शरण लेने वाले पंजाबी शब्बीर कानबोह की हत्या के प्रयास की जिम्मेदारी ली है. इसके साथ ही 'सिंधुदेश रिवॉल्यूशनरी आर्मी' की ओर से शनिवार (4 मार्च) को यह चेतावनी भी दी गई है कि सभी पंजाबियों और गैर-सिंधियों को सिंध छोड़ देना चाहिए.
बता दें कि सिंधुदेश रिवॉल्यूशनरी आर्मी (SRA) ने पाकिस्तान में सिंधुदेश की पूर्ण स्वतंत्रता तक विरोध करने की कसम खाई है. उसके लड़ाकों की ओर से पाकिस्तान में अलग सिंधु देश की मांग को लेकर आंदोलन किए जाते रहे हैं, इसलिए पाकिस्तानी आर्मी से सिंधुदेश रिवॉल्यूशनरी आर्मी का टकराव होता रहा है. वहां इस सैन्य संगठन को बलूच उग्रवादी गठबंधन BRAS का सहयोगी माना जाता है.
पाक सेना के लिए सिरदर्द बनी ये 'आर्मी'
पाकिस्तानी मीडिया में, सिंधुदेश रिवॉल्युशनरी आर्मी को बलूच विद्रोहियों से अलग अपने छोटे हमलों के लिए जाना जाता है. जैसे ट्रेन की पटरियों को उड़ा देना, मोबाइल संचार टावरों को नुकसान पहुंचाना और बिजली लाइनों पर बमबारी करना. हालांकि, पिछले कुछ समय में ये संगठन अचानक बड़े घटनाक्रमों को अंजाम देने की वजह से दुनिया भर में सुर्खियां बटोरने लगा है. हफ्तेभर पहले ही सिंधुदेश रिवॉल्युशनरी आर्मी ने आतंकवादी खालिद रजा की हत्या की जिम्मेदारी भी ली थी, जिसमें संगठन ने खालिद को कश्मीर में सक्रिय आतंकवादी संगठन अल-बद्र का सदस्य करार दिया.
चीनी भी बनाए थे निशाना
इससे पहले सिंधुदेश रिवॉल्यूशनरी आर्मी की चर्चा तब हुई थी, जब सितंबर 2022 में कराची में एक चीनी डेंटल क्लिनिक पर हमला हुआ था. उस हमले में रोनाल्ड रेमंड चाउ नामक शख्स की मौत हो गई थी और डॉ रिचर्ड हू और उनकी पत्नी फेन टेयिन गंभीर रूप से घायल हो गए थे. बाद में चीन ने यह कहकर मामले को रफा-दफा कर दिया कि मारे गए लोग चीनी नागरिक नहीं थे. इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बटोरीं.
सिंध मुत्तहिदा मूवमेंट से प्रेरित संगठन
अगस्त 2020 में सिंधुदेश रिवॉल्यूशनरी आर्मी का जिक्र पाकिस्तानी मीडिया में तब हुआ, जब कराची में निकाली गई एक रैली पर ग्रेनेड से हमला हुआ था. उस हमले में करीब 30 लोग घायल हुए थे. कई पाकिस्तानी रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि इस संगठन (सिंधुदेश रिवॉल्यूशनरी आर्मी) को वैचारिक ताकत सिंध मुत्तहिदा मूवमेंट से मिलती है.
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