Pakistan में ईशनिंदा के नाम पर भीड़ हुई फिर बेकाबू, इस बार एक शिया विद्वान पर हुआ हमला
Pakistan News: लाहौर से करीब 180 किलेमीटर दूर फैसलाबाद जिले के टांडलियांवाला में लाठी-डंडो, ईंट और अन्य वस्तुओं से लैस लगभग एक दर्जन लोगों ने कथित ईशनिंदा करने पर विद्वान के घर को घेर लिया.
लाहौर: पाकिस्तान (Pakistan) के पंजाब (Punjab) सूबे में धार्मिक किताब के पन्नों को कथित तौर पर जलाने से नाराज भीड़ ने एक शिया विद्वान (Shia scholar) पर हमला कर उसे घायल कर दिया जबकि इससे पहले ईंशनिंदा (blasphemy) के आरोप में एक अधेड़ व मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति की पत्थरों से मार-मार कर हत्या कर दी गई थी.
पुलिस अधिकारी मुबाशर मैकान ने बताया कि लाहौर से करीब 180 किलेमीटर दूर फैसलाबाद जिले के टांडलियांवाला में लाठी-डंडो, ईंट और अन्य वस्तुओं से लैस लगभग एक दर्जनों लोगों ने कथित ईशनिंदा करने पर विद्वान के घर को घेर लिया. हालांकि, मौके पर पहुंची पुलिस ने उन्हें बचा लिया.
पुलिस विद्वान को अज्ञात स्थान पर ले गई
घटना के बाद पुलिस विद्वान को अज्ञात स्थान पर ले गई है और उनके परिवार को भी सुरक्षा कारणों से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित किया गया है. उल्लेखनीय है कि पंजाब सूबे में गत दो महीनों में भीड़ द्वारा की गई हिंसा में दो लोगों के मारे जाने की घटना सामने आई है.
शनिवार को भी बारा चक गांव निवासी एवं मानसिक रूप से बीमार मुस्ताक अहमद नामक व्यक्ति की खानेवाल जिले के डेरावाला गांव के जंगल में पवित्र कुरान का कथित अपमान करने के आरोप में करीब 300 लोगों की भीड़ ने पत्थर से मार-मारकर हत्या कर दी और शव को पेड़ पर टांग दिया.
पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘पुलिस ने खानेवाल भीड़ हिंसा मामले में 21 प्रमुख संदिग्धों सहित कुल 105 लोगों को गिरफ्तार किया है.’’ उन्होंने बताया कि पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर संदिग्धों को गिरफ्तार किया है.
पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘हम सुनिश्चित करेंगे कि घटना में शामिल संदिग्धों की गिरफ्तारी हो और उनके खिलाफ यथाशीघ्र आतंकवाद रोधी अदालत में सुनवाई शुरू हो.’’ इस बीच, पंजाब सूबे के मुख्यमंत्री कार्यालय ने घटना के प्रमुख संदिग्ध की गिरफ्तारी की तस्वीर ट्विटर पर साझा की है और कहा कि इस जघन्य अपराध में शामिल लोगों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा.
दिसंबर में भीड़ ने एक श्रीलंकाई नागरिक की कर दी हत्या
वहीं, विपक्षी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने मामले की पारदर्शी जांच की मांग की है. गौरतलब है कि इस घटना ने दिसंबर महीने में सियालकोट में हुई घटना की याद ताजा कर दी है जिसमें ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने श्रीलंकाई नागरिक प्रियंथा कुमारा (47) की पीट-पीट कर हत्या करने के बाद शव को आग के हवाले कर दिया था.
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