Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान (Pakistan) ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की एक शर्त को पूरा करने के लिए गुरुवार को गैर-जरूरी और विलासिता की वस्तुओं के आयात पर से प्रतिबंध हटा लिया. नकदी की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए राहत पैकेज पर फैसला करने की खातिर वैश्विक ऋणदाता की इसी महीने के अंत में बैठक होने वाली है. प्रधानमंत्री (Pakistan Prime Minister) शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) नीत सरकार ने विदेशी मुद्रा में गिरावट और भुगतान संतुलन बिगड़ने के कारण यह प्रतिबंध लगाया था.


पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रतिबंध हटा लिया जाएगा लेकिन आयातकों पर भारी शुल्क लगाया जाएगा ताकि आयात को महंगा बनाया जा सके. उन्होंने कहा कि सरकार आयात प्रतिबंध को हटा रही है क्योंकि यह एक अंतरराष्ट्रीय जरूरत है लेकिन गैर-जरूरी आयातित वस्तुओं पर मौजूदा स्तरों से तीन गुना अधिक नियामक शुल्क लगाया जाएगा.


पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने यह कहा


पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल ने कहा, 'हम इस तरह से भारी शुल्क लगाएंगे कि ऐसी वस्तुओं का (आसानी से) आयात नहीं किया जा सके... मेरे पास पर्याप्त डॉलर नहीं हैं, इसलिए मैं कपास, खाद्य तेल और गेहूं को प्राथमिकता दूंगा. मैं आईफोन या कारों को प्राथमिकता नहीं देता.’’


मंत्री ने कहा कि इसके बाद भी, अगर कोई व्यक्ति ऐसी कार आयात करना चाहता है जिसकी मूल कीमत छह करोड़ रुपये है, तो नियामक शुल्कों के बाद इसकी लागत 30-40 करोड़ रुपये हो जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार का मकसद सिर्फ आयात के लिए मंजूरी देना नहीं है, बल्कि आईएमएफ और अंतरराष्ट्रीय जरूरतों को पूरा करना है और चालू खाते के घाटे पर भी काबू पाना है.


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