Pakistan Parliament: पाकिस्तान की संसद ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए रविवार (25 जून) को 14.48 लाख करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दे दी. स्वीकृत राहत पैकेज की शेष किस्त जारी करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की ओर से शर्त रखने के बाद इसमें कुछ नए टैक्स जोड़े गए हैं.
आईएमएफ ने रखी शर्त
बजट में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर के लिए 3.5 प्रतिशत का लक्ष्य रखा गया है, जिसकी घोषणा नौ जून को ही कर दी गई थी. तब बजट में 9,200 अरब रुपये का टैक्स संग्रह करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन आईएमएफ के शर्त रखने के बाद इसमें 215 अरब रुपये और जोड़कर इसे 9,415 अरब रुपये कर दिया गया.
पाकिस्तान सरकार ने मानी आईएमएफ की मांग
पाकिस्तान सरकार ने 85 अरब रुपये का खर्च घटाने की आईएमएफ की मांग को भी मान लिया है. देश के वित्त मंत्री इशाक डार ने बजट पर चर्चा के दौरान अपने भाषण में कहा कि आईएमएफ से तीन दिन तक चर्चा करने के बाद बजट में ये बदलाव किए गए हैं. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने दो दिन पहले पेरिस में वैश्विक वित्तीय सम्मेलन के दौरान आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मुलाकात कर लोन जारी करने का आग्रह किया था.
कोरम के अभाव वाले सत्र में पारित हुआ बजट
पाकिस्तानी अखबार डॉन की वेबसाइट पर प्रकाशित खबर के मुताबिक, कोरम के अभाव वाले सत्र के दौरान 14.48 ट्रिलियन रुपये का बजट पारित किया गया, जिसमें सत्ता पक्ष में केवल 70 विधायक और विपक्ष में दो विधायक मौजूद थे. विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी, उनके पिता आसिफ अली जरदारी और विपक्ष के नेता राजा रियाज अहमद खान भी इस दौरान मौजूद नहीं थे. सत्र की शुरुआत में, वित्त मंत्री इशाक डार ने पेंशन योजना में कई सुधारों को लागू करने के सरकार के कदम का बचाव किया.