Pakistan Electricity Bill: पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई और बढ़े हुए बिजली बिलों के विरोध में देशभर में विभिन्न कारोबारी संगठनों ने हड़ताल की. दक्षिणपंथी जमात-ए-इस्लामी (JI) और व्यापारिक संगठनों ने विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया और उन्हें वकीलों से भी समर्थन मिला.


पाकिस्तान के कराची, लाहौर और पेशावर के साथ-साथ अन्य शहरों में वाणिज्यिक गतिविधियां बंद रहीं. वहीं मुख्य सड़कों पर सार्वजनिक परिवहन अधिकतर बंद रहा.


सरकार को दिया 72 घंटे का अल्टीमेटम
कराची में ताजिर एक्शन कमेटी (TAC) ने सरकार को शुक्रवार (1 सितंबर) को बिजली बिल घटाने और हाल ही में बढ़ाई गईं पेट्रोल की कीमतों को कम करने के लिए 72 घंटे का समय दिया था. पाकिस्तानी संस्था ने चेतावनी दी थी कि अगर सरकार ने उसकी मांगें पूरी नहीं की तो 10 दिन लंबी हड़ताल की जाएगी. ताजिर एक्शन कमेटी (TAC) के संयोजक मोहम्मद रिजवान ने कहा कि हड़ताल में शामिल होने के लिए किसी पर कोई जबरदस्ती नहीं है. यह स्वैच्छिक है.


'सरकार हालात को समझने में नाकाम'
कराची चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (KCCI) ने हड़ताल के आह्वान का समर्थन किया. हालांकि, उसके अध्यक्ष मोहम्मद तारिक यूसुफ ने कहा कि बड़े उद्योग हड़ताल का हिस्सा नहीं हैं. फेडरेशन ऑफ पाकिस्तान चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FPCCI) के अध्यक्ष इरफान इकबाल शेख ने कहा कि सरकार हालात को समझने में नाकाम रही. उन्होंने कहा, “आर्थिक संकट से उबरने के लिए हटकर सोचना होगा.”


कार्यकारी प्रधानमंत्री का बयान
पाकिस्तान में कारोबारियों की हड़ताल ऐसे समय में हुई है जब एक दिन पहले देश के कार्यकारी प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर ने कहा है कि बढ़े हुए बिल बड़ी समस्या नहीं हैं और सरकार इसका समाधान निकालेगी. उन्होंने शुक्रवार को कहा था, “यह (बढ़े हुए बिजली बिल) बड़ा मुद्दा नहीं हैं, लेकिन राजनीतिक दल चुनावी बातें कर रहे हैं और इसे एक सामाजिक मुद्दे के तौर पर पेश कर रहे हैं.”


एक यूनिट बिजली का दाम 50 रुपये 
पाकिस्तान में हाल के दिनों में बिजली के दाम ने आसमान छू लिया है. इसकी वजह से लोगों में दिन-ब-दिन आक्रोश बढ़ते जा रहा है. पाकिस्तान में हालात ये है कि एक यूनिट बिजली का दाम 50 रुपये का पार पहुंच गई है. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह माना जा रहा है IMF के तरफ से लगाई गई कड़ी शर्तें.


एक रिपोर्ट के मुताबिक इस साल मार्च के महीने से  अगस्त के बीच प्रति यूनिट बिजली की रेट में  5.50 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. वहीं 5 महीनों में एक यूनिट बिजली का रेट 20 रुपये बढ़ चुका है. मार्च के महीने में जहां एक यूनिट बिजली का रेट 38 रुपये था, वहीं अगस्त में 56 रुपये हो चुका है.


डॉन के रिपोर्ट ते मुताबिक पाकिस्तान में सिर्फ इस साल बिजली बिल के कुल बिल पर 48 फीसदी तक का टैक्स बढ़ाया गया है. इसकी वजह से जो बिजली के बिल 2 से 3 हजार के बीच आते थे, वो सीधा बढ़कर 5 से 10 हजार के बीच आते हैं.


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