पाकिस्तान ने भारत के साथ सीमित व्यापार शुरू करने के अपने कदम पर गुरुवार को यू-टर्न ले लिया है. प्रधानमंत्री इमरान खान की अगुवाई में पाकिस्तान कैबिनेट ने सरकारी पैनल के उस फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें पड़ोसी देश भारत से कपास और सूती धागे के आयात की इजाजत दी थी. पाकिस्तानी मीडिया ने सूत्रों के हवाला से बताया था कि बुधवार को कैबिनेट की आर्थिक समन्वय समिति (इकॉनोमिक कोर्डिनेशन कमेटी) ने कीमतों को नियंत्रण में रखने और कमी के संकट के चलते दो वस्तुओं के आयात की इजाजत दी है.


इधर, पाकिस्तान के कैबिनेट मंत्री शेख रशीद ने इमरान कैबिनेट के ताजा फैसले को लेकर कहा कि जब तक भारत जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 बहाल नहीं करती है तब तक भारत से चीनी और कपास के आयात पर रोक रहेगी.


पाकिस्तान कैबिनेट की तरफ से यह फैसला ऐसे वक्त पर लिया गया है जब दोनों देशों के बीच रिश्तों पर जमीं बर्फ अब पिघलने लगी है. पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से पाकिस्तान डे पर पीएम इमरान खान को पत्र भेजकर बधाई दी गई थी. उसके बाद इमरान खान  ने प्रधानमंत्री मोदी को जवाब पत्र लिखते हुए दोनों देशों के बीच बेहतर संबंधों की वकालत की थी.


इमरान खान ने पीएम मोदी के पत्र के जवाब में लिखा था- "हमें यह विश्वास है कि दक्षिण एशिया में लंबे समय तक शांति और स्थायित्व भारत-पाकिस्तान के बीच संभी मुद्दों को सुलझाए जाने खासकर जम्मू कश्मीर विवाद पर निर्भर करता है. साकारात्मक और नतीजापूर्ण बातचीत के लिए सौहार्द वातावरण का बनाया जाना जरूरी है." उन्होंने इसमें आगे कहा कि वे कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई को लेकर भारतीय जनता को शुभकामनाएं देना चाहते हैं.


इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने इमरान खान को भेजे बधाई संदेश में कहा था कि भारत पाकिस्तान की आवाम के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध चाहता है और इसके लिए आतंक शत्रुता मुक्त वातावरण अत्यंत ज़रूरी है. प्रधानमंत्री मोदी ने अपन पत्र में कोरोना वायरस से लड़ाई का भी ज़िक्र करते हुए इमरान खान और पाकिस्तान की आवाम को शुभकामनाएं दी थी.


ये भी पढ़ें: 'पाक चाहता है बेहतर रिश्ता...' पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने दिया PM मोदी के खत का जवाब