नई दिल्ली: इस्लामाबाद में धार्मिक समूह तहरीक-ए-लब्बैक या रसूल अल्लाह के कार्यकर्ताओं के साथ शनिवार को हुई झड़प के बाद हालात अब तक काबू में नहीं आ सके हैं. टकराव में 200 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं, मजबूरन सरकार को सेना की तैनाती करने पड़ी है.
इस बीच अपनी नाकामी को छिपाने के लिए अब पाकिस्तान ने अपना पुराना प्रोपेगेंडा छेड़ा है. पाकिस्तान को अपने घर में लगी आग के पीछे हिंदुस्तान का हाथ नजर आ रहा है.
पाकिस्तान के गृहमंत्री अहसान इकबाल ने अपने बयान में कहा, ''पिछले दो हफ्ते से ज्यादा समय से इस्लामाबाद में प्रदर्शन कर रही कट्टरपंथी धार्मिक पार्टियों ने भारत से संपर्क किया था और सरकार इस बात की जांच कर रही है कि उन्होंने ऐसा क्यों किया?''
दरअसल इस्लामाबाद में पिछले दो हफ्ते से तहरीक-ए-लब्बैक या रसूल अल्लाह के कार्यकर्ता इस्लामाबाद एक्सप्रेसवे पर प्रदर्शन कर रहे थे. प्रदर्शनकारी इलेक्शन एक्ट में खत्म-ए-नबुव्वत में किए गए बदलावों को लेकर कानून मंत्री जाहिद हामिद के इस्तीफे की मांग कर रहे थे.
प्रदर्शनकारियों को हटा ना पाने को लेकर इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने भी सरकार को फटकार लगाई थी, जिसके बाद शनिवार को जब इन प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश की गई तो हिंसा भड़क उठी.