Pakistan Caretaker PM On India: पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर-उल-हक काकर गुरुवार (14 दिसंबर) को मुजफ्फराबाद में आज़ाद जम्मू और कश्मीर विधान सभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने भारत के खिलाफ विवादित बयान दिया. उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा कि पड़ोसी देश भारत को दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश का लेबल दिए जाने के बजाय दुनिया के सबसे बड़े पाखंडी देश के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए.
अनवर-उल-हक काकर ने विधानसभा के संबोधन में भारतीय अधीनता के खिलाफ संघर्ष में कश्मीर के लोगों का समर्थन करने के लिए पाकिस्तान की दृढ़ प्रतिबद्धता का जिक्र किया. पीएम का बयान भारत के सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नरेंद्र मोदी सरकार के 2019 के फैसले को बरकरार रखने के बाद आया, जिसमें जम्मू-कश्मीर राज्य के लिए विशेष दर्जा रद्द करने के फैसले को सही ठहराया गया था.
जम्मू कश्मीर आर्टिकल 370 पर उठाए सवाल
अनवर-उल-हक काकर ने आरोप लगाते हुए कि 5 अगस्त, 2019 को भारतीय सुप्रीम कोर्ट की तरफ से समर्थित भारत सरकार की एकतरफा कार्रवाई, अंतरराष्ट्रीय प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि घरेलू कानून और न्यायिक फैसले भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के तहत अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्वों से मुक्त नहीं कर सकते हैं.
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय संविधान के अधीन कोई भी प्रक्रिया अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत आईआईओजेके की अंतिम स्थिति निर्धारित नहीं कर सकती है. प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू और कश्मीर एक अंतरराष्ट्रीय विवाद है और न तो भारत सरकार और न ही इसकी न्यायपालिका को अन्य संबंधित पक्षों, अर्थात् कश्मीरी लोगों और पाकिस्तान की इच्छा के विरुद्ध एकतरफा कार्रवाई करने का अधिकार है.
पाकिस्तान-भारत संबंधों पर चर्चा
काकर ने जोर देकर कहा कि पूरा पाकिस्तानी नेतृत्व, राजनीतिक मतभेदों के बावजूद, आत्मनिर्णय के लिए कश्मीरी लोगों के उचित संघर्ष के समर्थन में एकजुट है. पाकिस्तान-भारत संबंधों पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने भारत के साथ अच्छे पड़ोसी संबंधों की पाकिस्तान की इच्छा व्यक्त की. हालांकि, उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि दक्षिण एशिया में स्थायी शांति जम्मू-कश्मीर विवाद के समाधान पर निर्भर है.