Ghazwa-e-Hind: गजवा-ए-हिंद को लेकर भारत में चर्चा जोरों पर चल रही है. हर कोई इस मुद्दे पर अपना विचार रख रहा है. सीमा पार पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी यह मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है. यह पहली मर्तबा नहीं है जब पाकिस्तान में गजवा-ए-हिंद पर बात हो रही है. वहां लाल टोपी नाम से मशहूर कट्टर मुस्लिम नेता जैद हामिद को लगातार हिंदुस्तान और यहां के देशवासियों के खिलाफ इस मुद्दे को लेकर जहर उगलते हुए देखा गया है.
लाल टोपी का बयान फिर सुर्खियों में आया
अब जब भारत में गजवा-ए-हिंद मुद्दे पर उठापटक चल रही है तो हामिद का बयान एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. वायरल हो रहे वीडियो में उन्हें कहते हुए सुना जा सकता है कि भारत के साथ हर लेवल पर जंग गजवा-ए-हिंद है.
59 वर्षीय जैद हामिद का 'बोल न्यूज' पर दिया गया बयान काफी तेजी से वायरल हो रहा है. इस दौरान उन्हें कहते हुए सुना जा सकता है कि गजवा-ए-हिंद किसी एक जंग का नाम नहीं है, बल्कि भारत के मुशरिकों से होने वाली हर जंग गजवा-ए-हिंद में शामिल है.
हामिद को कहते हुए सुना जा सकता है कि इसकी शुरुआत मोहम्मद बिन कासिम ने की थी. महमूद गजनवी भी गजवा-ए-हिंद मुहीम में हिस्सा लेते थे. अहमद शाह अब्दाली से लेकर मौजूदा समय में पाकिस्तानी आर्मी जो हिंदुस्तान के मुशरिकों के साथ जंग लड़ रही है. ये सब गजवा-ए-हिंद के अलग-अलग मुहिम हैं.
गजवा-ए-हिंद का आखिरी मुहीम कब होगा?
हामिद के मुताबिक लोग अक्सर पूछते हैं कि गजवा-ए-हिंद का आखिरी मुहीम कब होगा? इसपर उन्होंने अपना अपना विचार जाहिर करते हुए कहा 1948, 1965, 1971 और 1999 समेत सीमा पर रोज चल रही लड़ाइयां गजवा-ए-हिंद में ही आती हैं. पाकिस्तानी मुसलमान जो हिंदू 'मुशरिकों' के साथ किसी भी प्रकार से जंग में शामिल हैं वह गजवा-ए-हिंद में आता है.
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