लाहौर: पाकिस्तान की आतंकवाद निरोधक अदालत ने मुंबई हमले के सरगना हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) के पांच नेताओं को प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा की आतंकवादी गतिविधियों के लिए चंदा जुटाने का दोषी करार देते हुए नौ-नौ साल कैद की सजा सुनाई है. सजा पाए पांच दोषियों में से तीन- उमर बहादर, नसरुल्ला और समीउल्ला- को पहली बार सजा सुनाई गई है. लाहौर की आतंकवाद निरोधी अदालत (एटीसी) ने पंजाब पुलिस के आतंकवाद निरोधक विभाग (सीटीडी)द्वारा आतंकवाद के वित्तपोषण को लेकर दर्ज मामले में यह सजा सुनाई है.


वहीं दो दोषियों- जेयूडी प्रवक्ता यहाया मुजाहिद और वरिष्ठ नेता प्रोफेसर जफर इकबाल- को पहले भी आतंकवाद के वित्त पोषण मामलों में सजा सुनाई गई थी. एटीसी लाहौर के न्यायाधीश एजाज अहमद बट्टर ने शनिवार को पांच आरोपियों को नौ-नौ साल कैद की सजा सुनाई. न्यायाधीश ने इसी मामले में हाफिज सईद के जीजा हाफिज अब्दुल्ल रहमान मक्की को भी छह महीने कैद की सजा सुनाई है.


सीटीडी ने बताया, ‘‘अदालत ने जेयूडी/लश्कर ए तैयबा नेताओं को आतंकवाद का वित्तपोषण करने का दोषी पाया. वे प्रतिबंधित संगठन (लश्कर ए-तैयबा) के लिए गैर कानूनी तरीके से कोष जमा कर रहे थे. अदालत ने उन संपत्तियों को भी जब्त करने का आदेश दिया है जो आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए एकत्र चंदे से बनाई गई है.’’ जेयूडी नेताओं को भारी सुरक्षा के बीच अदालत में पेश किया गया और इस दौरान मीडिया को अदालत की कार्यवाही कवर करने की अनुमति नहीं दी गई.


गौरतलब है कि पंजाब सीटीडी ने जेयूडी नेताओं के खिलाफ 41 प्राथमिकी दर्ज की है जिनमें 70 वर्षीय सईद भी आरोपी है. इनमें से 37 मामलों में फैसला आ चुका है. एटीसी ने आतंकवाद के वित्तपोषण के पांच मामलों में लश्कर संस्थापक सईद को आंतकवाद निरोधक कानून 1997 की धारा-11एन तक कुल 36 साल की सजा सुनाई है. ये सजाएं साथ-साथ चलेंगी इसलिए उसे लंबे समय तक जेल में नहीं रहना होगा. इस समय उसे अन्य जेयूडी नेताओं के साथ लाहौर के कोट लखपत जेल में रखा गया है.


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