(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
आतंकी हाफिज सईद को टेरर फंडिंग मामले में 15 साल कैद की सजा, चार मामलों में पहले से है दोषी
आतंकी हाफिज सईद को अब तक टेरर फंडिंग के पांच मामलों में सजा सुनाई गई है. ऐसे में उसे 36 बरस की सजा काटनी होगी.
पाकिस्तान की एक आतंकवाद रोधी अदालत ने मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद को टेरर फंडिंग के मामले में 15 साल कैद की सजा सुनाई है. अदालत ने उस पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. सईद (70) को टेरर फंडिंग करने के चार मामलों में पहले ही दोषी ठहराया जा चुका है और उसे 21 साल की सजा हुई है.
अदालत ने जमात उद दावा के नेता हफीज़ अब्दुल सलाम, जफर इकबाल, जमात के प्रवक्ता याहया मुजाहीद और मोहम्मद अशरफ को दोषी पाया है. अदालत ने हरेक दोषी पर दो-दो लाख पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना लगाया है.
अधिकारी ने बताया कि अदालत ने इस मामले में सईद के करीबी रिश्तेदार अब्दुल रहमान मक्की को छह महीने की सजा सुनाई है और उस पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
सईद को टेरर फंडिंग के पांच मामलों में कोट लखपत जेल लाहौर में 36 बरस की सजा काटनी होगी, लेकिन इन मामलों में उसकी सजाएं साथ-साथ चलेंगी.
ऐसी खबरें हैं कि हाफिज सईद को जेल में "वीआईपी ट्रीटमेंट" दिया जा रहा है. दरअसल, वैश्विक संस्था वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) ने फरवरी 2021 तक पाकिस्तान को 'ग्रे' सूची में रखने का फैसला किया है. इससे बाहर निकलने के लिए पाकिस्तान आतंकवादियों पर कार्रवाई का पैंतरा अपना रहा है.
सईद पर अमेरिका ने 10 मिलियन डॉलर का इनाम रखा है. उसे पिछले साल 17 जुलाई को टेरर फंडिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया था. इस साल फरवरी में आतंकवाद रोधी अदालत ने दो मामलों में उसे 11 साल की जेल की सजा सुनाई थी. इसके बाद नवंबर में सईद को दो मामले में 10 साल की सजा सुनवाई थी.
अब उसे 15 साल की सजा सुनाई गई है. एक अधिकारी ने बताया कि सईद सहित JuD नेताओं को उच्च सुरक्षा के बीच अदालत में लाया गया और मीडिया को कार्यवाही को कवर करने की अनुमति नहीं दी गई.
जमात उद दावा आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है. लश्कर मुंबई में 2008 में आतंकवादी हमला करने के लिए कसूरवार है जिसमें छह अमेरिकियों समेत 166 लोगों की मौत हुई थी.
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