Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान पहुंची रूसी लाखों टन एलपीजी की पहली खेप, पाक सरकार परेशान, ये है वजह
Pakistan Economic Crisis: जनवरी 2023 में रूस व पाकिस्तान के बीच एनर्जी डील फाइनल हुई थी. 3 दिनों तक चली मीटिंग के दौरान दोनों देश इस फैसले पर पहुंचे थे कि इस साल मार्च के अंत तक एक डील फाइनल की जाएगी
Russia LPG Delivery in Pakistan: आर्थिक संकट और महंगाई की मार से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए मंगलवार (26 सितंबर) को राहत की खबर आई. इस्लामाबाद में मॉस्को के दूतावास ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान को रूस से एलपीजी की पहली खेप प्राप्त हुई है, जो इस्लामाबाद की रूस से दूसरी बड़ी ऊर्जा खरीद है.
इस शिपमेंट को लेकर दूतावास ने कहा कि इसे ईरानी मदद से वितरित किया गया था. इस साल की शुरुआत में दोनों देशों के बीच हुए समझौते के तहत पाकिस्तान को रूसी कच्चे तेल की पहली डिलीवरी मिलने के बाद एलपीजी की यह खेप मिली है. वहीं, रिपोर्ट के मुताबिक, फंड की वजह से पाकिस्तान इससे किनारा करने की कोशिश में है.
रूसी दूतावास ने दी जानकारी
रूसी दूतावास ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि रूस ने ईरान के सरख्स स्पेशल इकॉनमिक जोन के माध्यम से पाकिस्तान को 100,000 मीट्रिक टन एलपीजी की आपूर्ति की है. दूसरी खेप पर परामर्श चल रहा है. हालांकि इसमें ईरान की भागीदारी कितनी थी, इस पर कोई जानकारी नहीं दी गई है. साथ ही यह भी स्पष्ट नहीं था कि एलपीजी की लागत कितनी है और क्या इस पर छूट दी गई है.
पाकिस्तान के लिए ये है समस्या
इस खेप के मिलने के बाद पाकिस्तान ने कहा है कि उसने रूसी कच्चे तेल के लिए चीनी मुद्रा में भुगतान किया था लेकिन सौदे के मूल्य का कभी खुलासा नहीं किया गया. बता दें कि रूस से रियायती आयात काफी राहत प्रदान करता है क्योंकि इस्लामाबाद भुगतान संतुलन की तीव्र समस्या के साथ आर्थिक संकट का भी सामना कर रहा है, जिससे उसके बाहरी ऋण पर डिफ़ॉल्ट का जोखिम है. ऐसे में वह दूसरी खेफ और पहली खेप की बकाया राशि का भुगतान अभी नहीं कर पाएगा.
इसी साल जनवरी में हुई थी डील
इसी साल जनवरी 2023 में रूस और पाकिस्तान के बीच एनर्जी डील फाइनल हुई थी. इस सौदे के लिए रूस के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस्लामाबाद का दौरा किया था. तीन दिनों तक चली मीटिंग के दौरान दोनों देश इस फैसले पर पहुंचे थे कि इस साल मार्च के अंत तक एक डील फाइनल की जाएगी. पर डील से पहले सभी तकनीकी मुद्दे जिसमें इंश्योरेंस, ट्रांसपोर्टेशन और पेमेंट जैसे मसले शामिल हैं, उन्हें सुलझा लिया जाएगा.
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