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Pakistan Flood: पाकिस्तान में एक हजार से ज्यादा की मौत, हाथों से लिखे पर्चे फेंककर जान बचाने की गुहार लगा रहे लोग

Pakistan Flood Death Toll: पाकिस्तान में बीते हफ्ते शुक्रवार को आई बाढ़ से भयावह हालात पैदा हो गए है. मरने वालों का आकंड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. ख़ैबर पख़्तूनख़्वाह प्रांत में अभी भी खतरा बना है.

Pakistan Flood Death Toll Rises: भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान बीते हफ्ते शुक्रवार को आई बाढ़ की वजह से बेहद बुरे हालातों का सामना कर रहा है.अभी भी देश के ख़ैबर पख़्तूनख़्वाह- केपी (Khyber Pakhtunkhwa -KP) में और बाढ़ (Flood) का खतरा मंडरा रहा है तो दूसरी तरफ देश भर में बाढ़ से मरने वालों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है. मरने वालों का आकंड़ा सोमवार 29 अगस्त को 1136 तक पहुंच गया है. रेडियो पाकिस्तान के मुताबिक राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण-एनडीएमए (National Disaster Management Authority-NDMA) ने मौजूदा स्थिति के बारे में दी गई जानकारी हालातों की संजीदगी बयां करती है. अप्रत्याशित मानसूनी बारिश की वजह से आई बाढ़ से यहां कि 3 करोड़ 30 लाख की आबादी प्रभावित है. देश का आधा हिस्सा बाढ़ की पानी में डूबा हुआ है. गृह मंत्री सनाउल्ला का कहना है कि ये पाकिस्तान में एक दशक से भी अधिक वक्त के बाद आई भयावह प्राकृतिक आपदा है. 

सड़कें टूटी, ढहे पुल, मारे गए लोग और मवेशी

एनडीएमए (NDMA) के मुताबिक देश में  बारिश और बाढ़ से संबंधित घटनाओं में 1,634 लोग घायल हुए और 735,375 से अधिक पशुधन खत्म हो गया है. इसके अलावा देश भर में 3,451 किलोमीटर से अधिक सड़कें, 149 पुल, 170 दुकानें और 949,858 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं. पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की मनूर घाटी (Manoor valley) में शुक्रवार को अचानक आई बाढ़ के कारण सैकड़ों लोग नदी के उस पार फंसे हुए हैं. इस इलाके में कम से कम 10 पुल और दर्जनों इमारतें नष्ट हो गई हैं.

गांववालों वहां पहुंचने वाली मीडिया टीमों को इस तरह के हाथ से लिखे नोट दे रहे हैं,"हमें आपूर्ति की जरूरत है,हमें दवा की जरूरत है और कृपया पुल को दोबारा बनवाएं, अब हमारे पास कुछ भी नहीं बचा है." मनूर घाटी पाकिस्तान में एक मशहूर पर्यटन स्थल कघन (Kaghan) के पहाड़ों में है. घाटी में मूसलाधार बारिश की वजह बाढ़ आई है. यहां महिलाओं और बच्चों समेत कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई है. इस प्राकृतिक घाटी को मुख्य शहर से जोड़ने वाला अकेला कंक्रीट का पुल अचानक आई बाढ़ में बह गया है, तभी से, नदी के दूसरी ओर के सभी गांव कट गए हैं और यहां के लोग बेसब्री से मदद इंतजार कर रहे हैं.

नदियां हैं उफान पर

अभी भी काबुल नदी (Kabul River) का जल स्तर अपने मध्यम बहाव की तुलना से बेहद तेज बहाव में है. बाढ़ प्रकोष्ठ (Flood Cell) से मिले आंकड़ें बताते हैं कि इस नदी के जल स्तर में 41,000 क्यूसेक (Cusecs) की कमी दर्ज की गई है. उधर नौशेरा (Nowshera) नदीं का जल स्तर भी 296,731 क्यूसेक रहा. नदी का ये प्रवाह अभी भी सामान्य से बेहद अधिक बताया जा रहा है. हालांकि ये बहाव रविवार के 336,000 क्यूसेक से अधिक के बहाव से कम रहा. देश के सिंचाई विभाग ने बताया कि कि वारसक (Warsak ) में काबुल नदी में पानी के 103,614 क्यूसेक के साथ तेज बहाव और अदेज़ई ब्रिज (Adezai Bridge) में मध्यम बहाव के साथ 54,495 क्यूसेक तक बहने की सूचना मिली थी.

नौशेरा के उपायुक्त कार्यालय के एक बयान के अनुसार, काबुल नदी में जल स्तर लगातार कम हो रहा था और अगले पांच से छह घंटों में इसके और नीचे जाने की संभावना है.इसके अलावा, चश्मा (Chashma) में सिंधु नदी (Indus River) में उच्च जल स्तर भी देखा गया, जिसमें बाहरी और आंतरिक प्रवाह का स्तर 525,362 क्यूसेक और 519,362 दर्ज किया गया.हालांकि, बाढ़ सेल के आंकड़ों से पता चला है कि ख़ैबर पख़्तूनख़्वाह में बाकी नदियां निम्न, सामान्य और मध्यम स्तर पर बह रही थीं. इस बीच इस बीच, केपी के मुख्यमंत्री महमूद खान (Mahmood Khan) ने प्रांत के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और वो पीड़ितों से मिले.

पाकिस्तान के अखबार (Dawn) के मुताबिक केपी के सीएम ने बाढ़ पीड़ितों के लिए 10 करोड़ रुपये की मदद का एलान किया है. सीएम खान ने कहा,“ मुश्किल की इस घड़ी में हम अपने लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं. हम लोगों के बीच रहकर जनसेवा में विश्वास रखते हैं." पीटीआई (Pakistan Tehreek-e-Insaf -PTI) नेता महमूद खान ने कहा कि वह राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा के लिए आज चार जिलों का दौरा करेगी. इसमें ऊपरी और निचले चित्राल (Chitral) और ऊपरी और निचले दीर (Dir) जिले रहेंगे. 

जारी है बचाव अभियान

पाकिस्तान में बचाव अभियान आज भी जारी है. टूर ऑपरेटर सैयद अकील शाह (Syed Aqil Shah) ने डॉन डॉट कॉम (Dawn.com.) को बताया कि आज महिलाओं और बच्चों सहित 35 से अधिक पर्यटकों को कुमरत घाटी (Kumrat Valley) से एयरलिफ्ट किया गया. उनका कहना है कि पर्यटक अभी भी कुमरत में फंसे हुए हैं. इलाके के सहायक आयुक्त मुहम्मद साकिब खान (Muhammad Saqib Khan) के अनुसार, निचले कोहिस्तान (Lower Kohistan) में भी राहत कार्य शुरू हो गए हैं.

उन्होंने डॉन को बताया, "निचले कोहिस्तान के गब्बार (Gabbar) और माजो (Mazo) इलाकों में राहत और बचाव के लिए दो राहत शिविर बनाए गए हैं, जबकि जिले भर में नुकसान के आकलन के लिए टीमें रवाना हो गई हैं." सहायक आयुक्त खान ने बताया कि दुबेर (Dubair), रानोलिया (Ranolia), कयाल (Kayal) कई इलाकों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है, हालांकि अभी भी दुबर, रानोलिया और अन्य इलाकों की तरफ जाने वाली सड़कें अवरुद्ध हैं क्योंकि उनके अधिकांश हिस्से बाढ़ से बह गए हैं. सहायक आयुक्त ने कहा कि काराकोरम राजमार्ग (Karakoram Highway) लोअर कोहिस्तान की सीमा में हल्के यातायात के लिए फिर से खोल दिया गया है.

पाक पीएम ने भी प्रभावित इलाकों का किया दौरा

पाक प्रधानमंत्री (Shehbaz Sharif) शहबाज शरीफ ने ख़ैबर पख़्तूनख़्वाह का दौरा किया. पीएम शरीफ ने आज नौशेरा और चारसड्डा (Charsadda) का दौरा के दौरान प्रत्येक बाढ़ प्रभावित परिवार के लिए 25,000 रुपये देने की घोषणा की. उन्होंने वादा किया कि इन रुपयों को 3 दिसंबर तक पीड़ितों में बांट दिया जाएगा. पीएम के राजनीतिक और सार्वजनिक मामलों के सलाहकार अमी मुक़ाम (Ami Muqam) और अन्य स्थानीय नेताओं ने भी पीएम के साथ प्रभावित परिवारों से मुलाकात की. पीएम ने  मीडियाकर्मियों से बात करते हुए खेद जताया  कि सूबे में बाढ़ के दौरान अब तक 42 लोगों की जान जा चुकी है.पीएम ने कहा, "सैकड़ों हजारों घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं कलाम, कोहिस्तान, स्वात और दीर ​​जैसे इलाकों में बारिश ने कहर बरपाया है." 

पीएम शहबाज ने कहा कि मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये मुहैया कराए जाएंगे. पीएम ने वादा किया,“एनडीएमए के साथ, हम दिन-रात काम करेंगे. केपी की अपनी यात्रा पूरी करने के बाद मैं प्रांत के लिए भी अनुदान की घोषणा करूंगा.” उन्होंने वादा किया. इसके अलावा, उन्होंने कसम खाई कि संघीय और प्रांतीय सरकार, एक साथ, प्रभावितों के साथ खड़ी रहेगी, जब तक कि उन्हें उनके नुकसान के लिए मुआवजा नहीं दिया जाता. उधर पाक के वित्त मंत्री का मिफ्ताह इस्माइल (Miftah Ismail) कहना है कि बाढ़ से पाकिस्तान को कम से कम 10 अरब डॉलर का नुकसान होगा. इस आपदा का मतलब है कि हाल के हफ्तों में एक साथ मिला हुआ 37 अरब डॉलर का विदेशी फंड भी इसके लिए काफी नहीं होगा.

पाकिस्तान को मित्र देशों से मिली मदद

इस बीच आज एक बयान में पाक सेना की मीडिया विंग ने कहा कि पाकिस्तान के मित्र देशों ने पाकिस्तान को अभूतपूर्व बाढ़ से हुए विनाश के लिए राहत और पुनर्वास का वादा किया है. इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस-आईएसपीआर (Inter-Services Public Relations-ISPR) ने कहा, "तुर्की (Turkey) से चार सैन्य विमान राहत सामग्री लेकर कराची (Karachi) पहुंचे हैं, जबकि यूएई (UAE) से दो सैन्य विमान नूरखां एयर बेस रावलपिंडी (Rawalpindi) पहुंचे हैं." आईएसपीआर के मुताबिक कि संयुक्त अरब अमीरात से एक सैन्य विमान आज शाम पाक पहुंचेगा, जबकि चीन (China) से दो अन्य विमान अगले 48 घंटों में पाकिस्तान पहुंचेंगे. बहरीन (Bahrain) ने भी बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए एक विमान का वादा किया है.आईएसपीआर ने आगे कहा, "इन विमानों के जरिए लाए जा रहे राहत सामानों में टेंट, दवाएं और खाद्य पदार्थ शामिल हैं."

उधर इस्लामाबाद में जापानी दूतावास (Embassy Of Japan) ने बाढ़ आपदा से हुए नुकसान के लिए पाकिस्तान को जापान अतंरराष्ट्रीय  सहयोग एजेंसी-जेआईसीए (Japan International Cooperation Agency- JICA) के जरिए आपातकालीन राहत सामग्री (टेंट और प्लास्टिक शीट) देने का फैसला लिया है. आज एक प्रेस विज्ञप्ति में जापानी दूतावास ने बताया कि आपातकालीन राहत सामान दो बैचों में बांटा जाएगा. इसका पहले बैच के 30 अगस्त को कराची के जिन्ना अतंरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (Jinnah International Airport) पर पहुंचने की उम्मीद है. पाकिस्तान में जापान के राजदूत वाडा मित्सुहिरो (Wada Mitsuhiro) ने कहा, “कृपया मुझे शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी सहानुभूति और संवेदना व्यक्त करने की अनुमति दें. दिवंगत आत्माओं को शाश्वत शांति मिले और उनके परिवार को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति मिले.” उन्होंने दोहराया कि जापान पाकिस्तान सरकार के सहयोग से इस चुनौती से पार पाने के देश की कोशिशों को समर्थन देगा.

भारत ने भी जताई संवेदना

पड़ोसी मुल्क की इस मुश्किल घड़ी में आज दोपहर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने भी संवेदना जताई. उन्होंने ट्वीट किया कि वह पाकिस्तान में बाढ़ से हुई तबाही को देखकर दुखी हैं. उन्होंने पड़ोसी देश में सामान्य स्थिति की जल्द बहाली की उम्मीद करते हुए कहा, "हम पीड़ितों, घायलों और इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित सभी लोगों के परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं." 

सहयोगियों के साथ 'आपातकालीन बैठक'

पाक की सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब (Marriyum Aurangzeb) ने कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मौजूदा स्थिति पर विचार-विमर्श करने के लिए सरकार के सहयोगियों की "आपातकालीन बैठक" बुलाई थी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास में  शाम शाम छह बजे हुई बैठक में सभी मुख्यमंत्रियों को भी बुलाया गया था. इस बैठक में सशस्त्र बलों के नेतृत्व ने भी शिरकत की. सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा कि बैठक के दौरान कई अहम फैसले लिए गए.

पीटीआई चीफ इमरान की टेलीथॉन

पीटीआई चीफ इमरान खान ने बाढ़ पीड़ितों के लिए फंड जुटाने के लिए सोमवार रात 9:30 बजे अंतरराष्ट्रीय टेलीथॉन (Telethon) आयोजित की. इस दौरान पीटीआई ने उन दो बैंक खातों के बारे में भी बताया जिनमें दान दिया जा सकता है. टेलीथॉन के बारे में एक वीडियो संदेश में इमरान ने लोगों को इसमें शिरकत करने और यथासंभव योगदान देने की अपील की.

क्वेटा में पीटीसीएल सेवाएं बहाल

इस बीच पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण-पीटीए (Pakistan Telecommunication Authority-PTA) ने कहा है कि पाकिस्तान दूरसंचार कंपनी लिमिटेड- पीटीसीएलPakistan Telecommunications Company Ltd’s-PTCL) ऑप्टिक फाइबर केबल में अचानक बाढ़ के कारण आई तकनीकी खराबी को दुरुस्त कर दिया है. इस खराबी ने क्वेटा (Quetta) को देश के बाकी हिस्सों से काट दिया था, लेकिन अब ये सेवाएं बहाल कर दी गईं हैं. पीटीए के मुताबिक इलाके में पीटीसीएल सेवाएं, और यूफोन और टेलीनॉर की वॉयस और डेटा सेवाएं सामान्य रूप से काम कर रही हैं जबकि जैज़ और ज़ोंग वॉयस सेवाएं चालू हैं. अन्य प्रभावित क्षेत्रों में सेवाएं बहाल करने की कोशिशें जारी हैं.

क्वेटा और पड़ोसी इलाकों में बिजली है गुल

एनडीएमए के मुताबिक, बलूचिस्तान (Balochistan) में बाढ़ से कुल 244 लोगों की मौत हुई है, जबकि 110 लोग घायल हुए हैं. पूरे प्रांत में 500,000 से अधिक पशुधन का नुकसान हुआ है और 61,000 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो गए. क्वेटा और आसपास के इलाकों में पिछले तीन दिनों से मस्तुंग, चागई, नोशकी और खारन में बिजली के टावर बारिश के दौरान बह जाने के बाद से बिजली बंद कर दी गई है. क्वेटा इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी-क्यूस्को (Quetta Electric Supply Company -Qesco) के प्रवक्ता ने डॉन डॉट कॉम को बताया कि वह 700 मेगावाट बिजली की कमी का सामना कर रही है. "वर्तमान में, हमारे पास केवल 250 मेगावाट की क्षमता है," उन्होंने कहा, स्थिति को फिर से सामान्य होने में एक हफ्ते का वक्त लगेगा.

पंजाब में बने हैं राहत शिविर

रेडियो पाकिस्तान ने बताया कि सेना के मीडिया विंग के अनुसार, बाढ़ पीड़ितों की सुविधा के लिए पंजाब में 70 से अधिक राहत शिविर बनाए गए हैं. आईएसपीआर ने कहा कि लाहौर डिवीजन में 10, मुल्तान में 12, गुजरांवाला में 17 और बहावलपुर डिवीजन में 19 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं. आईएसपीआर ने कहा कि आगे और भी राहत शिविर स्थापित किए जाएंगे और बाढ़ प्रभावितों को पका हुआ भोजन, दवाएं और दैनिक उपयोग की अन्य चीजें मुहैया कराई जा रही हैं. आईएसपीआर के मुताबिक बाढ़ राहत के लिए दान के संबंध में जनता का मार्गदर्शन करने के लिए सेना ने एक हेल्पलाइन नंबर 1135 जारी किया है. 

सिंध के सीएम ने भी किया इलाके का दौरा

सिंध (Sindh) के मुख्यमंत्री सैयद मुराद अली शाह (Syed Murad Ali Shah) प्रांतीय मंत्रियों के साथ सोमवार को सहवान और दादू के दौरे किया. उन्होंने मंचर झील और उसके बांधों के जलस्तर का जायजा लिया. अधिकारियों ने उन्हें विभिन्न बैराजों में पानी के बहाव के बारे में जानकारी दी. उन्होंने सिंचाई और वापडा ( Wapda) अधिकारियों को नारा वैली ड्रेन (एमएनवी), इंडस लिंक और जोही शाखा पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए ताकि सहवान, मेहर, जोही और दादू के कुछ हिस्सों के मुख्य शहरों की रक्षा के लिए उनके तटबंधों को मजबूत किया जा सके.

सीएम शाह ने उम्मीद जताई की कि अगले आठ दिनों में झील का जल स्तर कम होना शुरू हो जाएगा. उन्होंने  कहा कि शहरों को डूबने से बचाने के लिए उन्हें निर्णय लेने होंगे. मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे सिंध में स्थिति खराब है और सरकार की पहली प्राथमिकता लोगों की जान बचाना है. उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त में नदी के दोनों किनारों पर दबाव अधिक है. सिंध के सीएम ने बताया कि उन्होंने नौसेना प्रमुख से बात की है और नौसेना के दो हेलीकॉप्टर दादू पहुंच रहे हैं. राहत कार्यों के बारे में, उन्होंने कहा कि सरकार ने 150,000 टेंट बांटे हैं, लेकिन जरूरत बेहद अधिकॉ थी. उन्होंने यह भी कहा कि जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और बेनजीर आय सहायता कार्यक्रम (Benazir Income Support Programme) से पैसे की चोरी करने वालों को जेल भेजा जाएगा.

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