Pakistan-Afghanistan Relations: पाकिस्तान (Pakistan) के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ (Khawaja Asif) ने शनिवार (15 जुलाई) को दावा किया कि उनके देश में खून-खराबा करने वाले आतंकवादियों को अफगानिस्तान में शरण मिल रही है.


उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अब इसे सहन नहीं करेगा. आसिफ ने कहा, ‘‘अफगानिस्तान पड़ोसी देश होने का कर्तव्य नहीं निभा रहा है और दोहा समझौते का पालन नहीं कर रहा है. पचास से साठ लाख अफगानों को सभी अधिकारों के साथ पाकिस्तान में 40 से 50 वर्ष के लिए शरण प्राप्त है.’’


अफगानिस्तान पर पाक रक्षा मंत्री का बयान


पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तानियों का खून बहाने वाले आतंकवादियों को अफगानी धरती पर पनाह मिल सकती है. इस तरह की स्थिति अब और नहीं चल सकती. पाकिस्तान अपनी सरजमीं और नागरिकों की रक्षा के लिए अपने सभी संसाधनों का इस्तेमाल करेगा.


पाकिस्तानी सेना ने एक दिन पहले अफगानिस्तान को पाकिस्तान में होने वाले आतंकी हमलों को रोकने की चेतावनी दी थी. इसके एक दिन बाद ही रक्षा मंत्री ने अफगानिस्तान को लेकर कर्तव्य न निभाने वाला बयान दिया है.






बलूचिस्तान में 13 जुलाई को दो आतंकी घटनाओं में 12 सैनिकों के मारे जाने के बाद से पाकिस्तान में रोष है. पाकिस्तानी तालिबान आतंकियों के एक समूह ने हमले की जिम्मेदारी ली है. पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने बाकायदा अफगानिस्तान के खिलाफ रोष प्रकट करते हुए ट्वीट भी किया था.


पाक सेना प्रमुख असीम मुनीर ने क्वेटा गैरीसन का किया दौरा
इससे पहले थल सेनाध्यक्ष (COAS) जनरल सैयद असीम मुनीर ने क्वेटा गैरीसन का दौरा किया और झोब आतंकी हमले में घायल सैनिकों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली. अधिकारियों ने बताया कि टीटीपी के ठिकाने अफगानिस्तान में मौजूद हैं और उम्मीद जताई कि अफगान सरकार अपनी जमीन का इस्तेमाल दूसरे देशों के खिलाफ नहीं करने देगी.


सेना के मीडिया विंग के प्रवक्ता ने अफगान अंतरिम प्रशासन से दोहा समझौते के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने का आग्रह किया. सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों में अफगान नागरिकों की संलिप्तता पर भी चिंता व्यक्त की.


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