Pakistan Imran Khan: पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने सोमवार (12 जून) को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पार्टी को एक और झटका देते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है. इस प्रस्ताव में 9 मई की हिंसा में शामिल राजनीतिक दल और उसके नेता के खिलाफ कड़े सैन्य कानून के तहत त्वरित कार्रवाई की मांग की गई है.
नेशनल असेंबली के आधिकारिक हैंडल से ट्वीट में लिखा, "रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ (Khwaja Asif) के तरफ से निचले सदन में प्रस्ताव पेश किया गया, जो बहुमत से पारित हो गया. प्रस्ताव के अनुसार, एक राजनीतिक दल और उसके नेताओं ने नौ मई को सभी हदें पार कर सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले किए, जिससे देश के संस्थानों और देश को अपूरणीय क्षति हुई."
'दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने में देरी नहीं'
इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी का नाम लिए बगैर प्रस्ताव में मांग की गई है कि कानून और संविधान के अनुसार ऐसे सभी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने में कोई देरी नहीं होनी चाहिए. इसमें यह भी कहा गया है कि असामाजिक तत्वों और अपराधियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के दौरान मानवाधिकारों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है.
प्रस्ताव में कहा गया है कि सेना के पास सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमलों के जवाब में दुनिया भर में कार्रवाई करने का अधिकार है और इसमें शामिल सभी लोगों को उनके कामों के लिए पाकिस्तान सेना अधिनियम 1952 के तहत दंडित किया जाना चाहिए. आपको बता दें, अगर इमरान खान को आर्मी लॉ के अनुसार सजा मिलती है तो उम्र कैद या फांसी की सजा मिल सकती है.
'देश के शासन तंत्र को खतरे में डाला'
सदन में रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया और देश के शासन तंत्र को खतरे में डाला गया. उन्होंने कहा कि नौ मई के दोषियों के खिलाफ कोई नया कानून नहीं बनाया जा रहा है. नौ मई को इस्लामाबाद में अर्धसैनिक रेंजर ने इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद देशभर में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए.
इमरान खान की पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लाहौर कोर कमांडर हाउस, मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित 20 से अधिक सैन्य प्रतिष्ठानों और सरकारी भवनों में तोड़फोड़ की. रावलपिंडी में सेना मुख्यालय (GHQ) पर भी भीड़ ने हमला किया था.
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