लाहौर: पाकिस्तान सरकार ने लोक सुरक्षा कानून के तहत मुंबई हमले के सरगना और जेयूडी प्रमुख हाफिज सईद की हिरासत की अवधि बढ़ाने की मांग की . इससे दो दिन पहले सरकार ने आतंकवाद निरोधक कानून के तहत उसकी नजरबंदी बढ़ाने का अपना आवेदन वापस ले लिया था. जमात-उद-दावा का प्रमुख और मुंबई हमले का मास्टरमाइंड सईद जनवरी से अपने घर में नजरबंद है. उसे कड़ी सुरक्षा के बीच तीन सदस्यीय पंजाब प्रांतीय न्यायिक समीक्षा बोर्ड के सामने पेश किया गया.


पंजाब न्यायिक समीक्षा बोर्ड के सदस्यों में न्यायमूर्ति यावर अली, न्यायमूर्ति अब्दुल सामी और न्यायमूर्ति आलिया नीलम शामिल हैं. बोर्ड सईद और उसके चार सहयोगियों - अब्दुल्ला उबैद, मलिक जफर इकबाल, अब्दुल रहमान आबिद और काजी काशिफ हुसैन की नजरबंदी बढ़ाने के लिए पंजाब गृह विभाग के एक कानून अधिकारी की दलीलें सुन रहा था.


हाफिज सईद की नजरबंदी की अवधि 24 अक्तूबर को खत्म हो रही है. कानून के तहत सरकार किसी व्यक्ति को अलग अलग आरोपों को लेकर तीन महीने तक एक व्यक्ति को हिरासत में रख सकती है. सरकार न्यायिक समीक्षा बोर्ड की मंजूरी के बाद ही हिरासत बढ़ा सकती है. लाहौर पुलिस ने लाहौर हाई कोर्ट के आसपास कड़े सुरक्षा उपाय किए जहां सईद और दूसरे को बोर्ड के सामने पेश किया गया.


बोर्ड ने विधि अधिकारी को सुनने के बाद पंजाब के महाधिवक्ता एवं विदेश और गृह सचिवालयों को नोटिस जारी कर 19 अक्तूबर को अपने सामने पेश होकर यह बताने को कहा कि सरकार सईद की नजरबंदी क्यों बढ़ाना चाहती है.