Pakistan Crisis: पाकिस्तान की मुश्किलें कम होने के बजाय बढ़ती जा रही हैं. वर्ल्ड बैंक से आर्थिक सहायता की उम्मीद लगाए बैठे पाकिस्तान को एक और झटका लगा है. ऐसा इसलिए क्योंकि पाकिस्तान को विश्‍व बैंक से मिलने वाली मदद में देरी हो रही है, जिससे हालात बिगड़ते जा रहे हैं. 


मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो वर्ल्‍ड बैंक ने अगले वित्तीय वर्ष के लिए इस कर्ज की मंजूरी टाल दी है. खबर थी कि वर्ल्‍ड बैंक, पाकिस्‍तान को 1.1 अरब डॉलर का कर्ज देगा. इस कर्ज की मदद से पाकिस्‍तान को बड़ी राहत मिल सकती थी. रिपोर्ट्स की माने तो जून 2022 से ही ये कर्ज अटके हैं. अब इस साल अप्रैल में ही इस पर कोई फैसला लिया जाएगा.


पाकिस्तान को मिल रही राहत 


गौरतलब है कि नकदी संकट से जूझ रहा पाकिस्तान लगातार विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और कई देशों के आगे आर्थिक मदद के लिए हाथ पसारता रहा है लेकिन राहत मिलती नहीं दिख रही है. इससे पहले देश को संयुक्‍त अरब अमीरात (UAE) ने मदद के लिए थोड़ा हाथ जरूर बढ़ाया. UAE ने पाकिस्‍तान को दो अरब डॉलर का कर्ज देने का फैसला किया है. माना जा रहा है कि इस मदद से विदेशी मुद्रा भंडार को फिर से बनाने में और आयात में आसानी होने की उम्‍मीद है. 


पाकिस्‍तान के केंद्रीय बैंक की तरफ से कहा गया है कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार 4.3 अरब डॉलर पर पहुंच गया है, जिससे सिर्फ तीन हफ्ते तक आयात का ही पैसा बचा है. बता दें कि हाल के कुछ महीनों में विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी से गिरावट आई है. इसकी वजह से पाकिस्तान पर कंगाल होने का खतरा बढ़ गया है.


इससे पहले अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने 1.1 अरब डॉलर के दो ऋणों को मंजूरी देने पर फैसला टाल दिया. एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान सरकार ने आईएमएफ से मदद मांगी थी, लेकिन इसके एवज में आईएमएफ ने पेट्राेल, डीजल के दाम बढ़ाने की शर्त रखी. आगामी चुनाव को देखते हुए शहबाज शरीफ सरकार दाम बढ़ाने के मूड में नहीं दिख रही. 


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