Pakistan: आर्थिक तंगी की मार झेल रहे पाकिस्तान ने विश्वविद्यालयों के लिए नया प्रस्ताव पास किया है. इसके अनुसार अब देश के सभी विश्वविद्यालयों में कुरान पढाना अनिवार्य होगा. बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हाल ही में अपने सम्बोधन में पाकिस्तान में सभी धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने का वादा किया था. इसी बीच ऐसे इस्लामिक प्रस्ताव का आना हैरान करने वाला है. 


पारित प्रस्ताव के अनुसार, पाकिस्तान के सभी विश्वविद्यालय में कुरान को अनुवाद के साथ पढ़ाया जाएगा. हालांकि इस पढ़ाई के लिए छात्रों को अलग से कोई परीक्षा नहीं देनी होगी और न ही छात्रों को इसके लिए अलग से कुछ नंबर मिलेंगे.


अंग्रेजी अखबार 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह सिर्फ जानकारी और ज्ञान अर्जित करने के लिए लागू होगा. सरकार का उद्देश्य कुरान में लिखी बातों को समाज में फैलाने का है. इसी को देखते हुए इस प्रस्ताव को पास किया गया है. इस प्रस्ताव के बाद ग्रेजुएशन करने वाले छात्रों को पैगंबर मोहम्मद के बारे में बताया जाएगा.


सभी धर्म के छात्रों को करना होगा कुरान का पाठ 


इस आदेश का असर देश में पढ़ने वाले सभी छात्रों पर होगा. यानी हिंदुओं, सिखों, ईसाइयों और पारसियों सहित सभी धर्म के छात्रों को कुरान का पाठ करना होगा. इस प्रस्ताव को जमात-ए-इस्लामी पार्टी के सांसद मुश्ताक अहमद ने पेश किया. प्रस्ताव को पेश करते हुए उन्होंने कहा कि ये प्रस्ताव संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप हैं.


धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर उठते रहे हैं सवाल 


मालूम हो कि पाकिस्तान में धार्मिक स्वतंत्रता की आजादी को लेकर लगातार बातें होती हैं. इससे पहले कई ऐसे मामले आ चुके हैं जिसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भी स्वीकार किया है कि देश में लगातार हो रही हिंसक घटनाओं की वजह से अल्पसंख्यक खुद को कमजोर और डरा हुआ महसूस कर रहे हैं.


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