Pakistan Economy: पाकिस्तान कैसे बचेगा दिवालिया होने से? विशेषज्ञ ने बताया तरीका, जानें आप भी
Pakistan Economy: पाकिस्तान दुनिया की सातवीं न्यूक्लियर पावर कंट्री है. ये पांचवीं सबसे बड़ी आबादी वाला देश है. श्रीलंका के डिफ़ॉल्ट हो जाने के बाद, अब पाक खुद दिवालिया होने के खतरे से जूझ रहा है.
Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान पिछले 1 साल से जबरदस्त आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है. वहां महंगाई दर आसमान छू रही है. पाकिस्तान (Pakistan) सरकार लगातार इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) से 1.1 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज (Bail Out Package) की मांग कर रहा है. इस पर देश के डिफेंस मिनिस्टर ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में स्वीकार किया है कि पाकिस्तान दिवालिया हो चुका है.
पाकिस्तान को इस खतरनाक संकट से उबारने के लिए पाकिस्तान के जर्नलिस्ट हामिद मीर ने कुछ सुझाव पेश किए है, जिसका इस्तेमाल करके देश आर्थिक संकट से बाहर निकल सकता है. हामिद मीर का मानना है कि देश जल्द दिवालिया घोषित तो नहीं होगा, लेकिन देश की जनता की हालत बिगड़ जाएगी.
पाकिस्तान के आर्थिक हालात बिगड़ने के कारण
पाकिस्तान दुनिया की सातवीं न्यूक्लियर पावर कंट्री है. ये पांचवीं सबसे बड़ी आबादी वाला देश है. भारत का पड़ोसी मुल्क श्रीलंका के डिफ़ॉल्ट हो जाने के बाद, अब खुद इस खतरे से जूझने के लिए तैयार हो चुका है. इसके पीछे कई कारण है. देश की खराब पॉलिसी, पॉलिटिकल इनस्टेबलिटी, रूस और यूक्रेन युद्ध, देश के पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान से गेहूं और डॉलर की स्मगलिंग.
वहीं हाल ही में पाकिस्तान में आई विनाशकारी बाढ़ भी देश के बिगड़ते आर्थिक हालात का प्रमुख कारण है. देश के बिगड़े आर्थिक हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान अपने मंत्रियों को सैलरी नहीं दे पा रहा है. पाकिस्तान सरकार विदेशों में अपनी संपत्ति को बेचने का फैसला ले लिया है, जिसमें अमेरिका की एंबेसी शामिल है.
डिफॉल्ट होने से बचने के तरीके
हामिद मीर के मुताबिक, शहबाज शरीफ सरकार को अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए रॉकेट साइंस की जरूरत नहीं है. मौजूदा संकट एक अवसर हो सकता है. पाकिस्तान को दशकों से अपनाई गई लापरवाह आर्थिक नीतियों को अलविदा कहना चाहिए. इसके लिए देश को विदेशी सहायता पर निर्भरता बंद करनी चाहिए. टैक्स हैवन खत्म होना चाहिए. व्यापारियों और बड़े सामंती जमींदारों को टैक्स के दायरे में लाना चाहिए.
मीर की मानें तो पाकिस्तान की आबादी 225 मिलियन (25 करोड़) से अधिक है, लेकिन टैक्स देने वालों की संख्या सिर्फ 20 लाख है. केवल एक फीसदी पाकिस्तानी ही टैक्स देते हैं. ऐसे में टैक्स जमा करने वालों की संख्या बढ़नी चाहिए. ये कुछ तरीके है, जिसका इस्तेमाल करके इस्लामिक देश पाकिस्तान दिवालिया होने से बच सकता है.
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