Pakistan में गहराते आर्थिक संकट के बीच बिजनेस एक्सपर्ट्स की चेतावनी- सामाजिक अशांति की ओर बढ़ रहा है देश
Pakistan Economic Crisis: बिजनेस लीडर्स ने इस बात की भी आशंका जताई है कि निवेशकों को हतोत्साहित करने वाली सरकार की नीतियों के कारण पाकिस्तान विदेशी निवेश के लिए असुरक्षित बन रहा है.
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Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान (Pakistan) में गहराते आर्थिक संकट (Economic Crisis) के बीच, देश के बिजनेस लीडर्स (business leaders) ने चेतावनी दी है कि देश सामाजिक अशांति की ओर बढ़ रहा है. उन्होंने इस बात की आशंका जताई कि निवेशकों को हतोत्साहित करने की कोशिश करने वाली बैक-टू-बैक सरकार की नीतियों के कारण पाकिस्तान विदेशी निवेश (Foreign Investment) के लिए असुरक्षित बन रहा है.
फेडरेशन ऑफ पाकिस्तान चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FPCCI) के पूर्व उपाध्यक्ष साकिब फैयाज मगून ने कहा, "हमारे पास आर्थिक नीतियों की निरंतरता नहीं है. आर्थिक मामलों और राजनीतिक मुद्दों के लिए अलग-अलग टीम होनी चाहिए ताकि नीतियां बरकरार रहें, अन्यथा, यह विदेशी और स्थानीय निवेशकों को प्रभावित करती रहेगी."
न्यूज एजेंसी एएऩआई के मुताबिक डॉन ने बताया कि मगून स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) की नीतिगत दर सितंबर 2021 में 7.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 महीने से भी कम समय में 15 प्रतिशत होने पर प्रतिक्रिया दे रहे थे.
'...तो विदेशी निवेशक पाकिस्तान से बचना शुरू कर देंगे'
मगून ने कहा, “उद्योगपति और विदेशी निवेशक निवेश करने से पहले हमेशा ब्याज दरों और विदेशी विनिमय दरों पर निर्भर रहते हैं. अगर यह इतना अचानक बदल जाता है और वह भी काफी हद तक, तो विदेशी निवेशक पाकिस्तान से बचना शुरू कर देंगे."
डॉन के अनुसार, मगून ने डॉलर के बढ़ते मूल्य पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पाकिस्तानी रुपये में इस गिरावट को विदेशी निवेशक चिंता की नजर से देख रहे हैं क्योंकि वे डॉलर में निवेश करते हैं और स्थानीय मुद्रा रिटर्न हासिल करते हैं.
HCCI के अध्यक्ष ने भी जताई हालात पर चिंता
हैदराबाद चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एचसीसीआई) के अध्यक्ष आदिल सिद्दीकी ने कच्चे तेल और घी की गिरती कीमतों पर चिंता व्यक्त करते हुए मैगून के बयानों को दोहराया. वह देश में मौद्रिक नीति और गरीबी के मुद्दों के बारे में भी चिंतित थे. सिद्दीकी ने सवाल किया, “क्या आपको याद नहीं कि सरकार ने घोषणा की है कि वह अंतरराष्ट्रीय बाजार में ईंधन की कम कीमतों से राहत प्रदान करेगी, भले ही वह एक डॉलर गिर जाए? क्या उपभोक्ताओं को यह राहत दी जा रही है?" इसके विपरीत, उन्होंने दावा किया कि ईंधन की कीमत के अलावा बिजली और गैस की दरें बढ़ा दी गई हैं.
पाकिस्तान (Pakistan) में मुद्रास्फीति (Inflation) जून (June) के महीने में बढ़कर 21.32 प्रतिशत हो गई, जो स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार 13 सालों में सबसे अधिक है.
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