Pakistan Crisis: बदहाल पाकिस्तान (Pakistan) पर अब बीमारियों का साया पड़ने वाला है. लोगों में यह डर इसलिए है क्‍योंकि मुल्‍क में दवाओं का स्‍टॉक काफी कम रह गया है. कई बड़ी दवा निर्माता कंपनियों ने सरकार को चेताया है. कंपनियों के मालिकों ने यहां तक कहा है कि उत्‍पादन बंद हो सकता है. माना जा रहा है कि उनके पास 7 दिन से ज्‍यादा की दवाइयों का स्‍टॉक नहीं बचा है.


पाकिस्‍तानी स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री को कंपनियों ने लिखा पत्र
यदि पाकिस्‍तान में दवाइयों का स्‍टॉक खत्‍म हुआ तो मरीज एक-एक दवा के लिए तड़प सकते हैं. इस तरह पाकिस्‍तान की कंगाली अब मुल्‍क के लिए बड़े दवा संकट की वजह बन जाएगी. दवा निर्माता कंपनियों के अनुसार, पाकिस्‍तानी रुपये के दाम में ऐतिहासिक गिरावट आने की वजह से उनके उत्‍पादन की लागत बहुत बढ़ गई है. वहीं, बाहर से मटेरियल न आने के कारण भी मुश्किलें बढ़ी हैं. पाकिस्‍तान के पास विदेश से आयात के लिए डॉलर्स की भारी कमी है.


विदेशी मुद्रा भंडार नाम मात्र का बचा
पाकिस्‍तान का विदेशी मुद्रा भंडार 3 अरब डॉलर के आस-पास है, उसे भी वो खर्च नहीं कर पाएगा क्‍योंकि यह बतौर सिक्‍योरटी जमा किया हुआ है. पाकिस्‍तानी मीडिया में खबरें आई हैं कि दवा निर्माताओं ने सरकार को इस बारे में चेताया है कि अगले 7 दिन से ज्‍यादा की दवाइयों के स्‍टॉक का अब उत्‍पादन करना और उसे मुहैया कराना उनके लिए 'पूरी तरह से असंभव' हो गया है. ऐसी चेतावनी करीब 10 बड़ी दवा कंपनियों ने स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय को दी है. कंपनियों ने पाकिस्‍तानी स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री अब्‍दुल कादिर पटेल को पत्र लिखकर समस्‍या बताई है.


दवा निर्माता कंपनियां सरकार को चेता रहीं
पाकिस्‍तानी दवा निर्माता कंपनियों के संगठन के पूर्व चेयरमैन काजी मंसूर ने कहा कि रुपये में बड़ी गिरावट और कई सामानों के दाम में भारी बढ़ोतरी के कारण दवाओं के उत्‍पादन की लागत कई गुना बढ़ गई है. काजी मंसूर ने कहा कि दवाओं के निर्माण में जरूरी एपीआई की कीमतों और पैकेजिंग के सामान के दाम में वृद्धि के कारण, दवा कंपनियों के लिए यह व्‍यवहारिक नहीं रह गया है कि वे दवाओं को मौजूदा कीमत पर बेचें.


बता दें कि पाकिस्‍तानी रुपये के मूल्‍य में 67 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है. वहीं, अब दवा उद्योग पर संकट आ गया है. लागत निकालने के लिए कंपनियां अब सरकार को तत्‍काल दाम बढ़ाने के लिए कह रही हैं. यदि सरकार दाम बढ़ाती है तो मुल्‍क में आवाम के प्रदर्शन तेज होने का भी खतरा है. 


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