Pakistan On IMF: पाकिस्तान (Pakistan) ने हाल ही में फाइनेंशियल ईयर 2023-24 का बजट पेश किया है. इस बजट में सरकार के टैक्स बेस स्लैब को सही तरीके से तैयार न करने पर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने चिंता व्यक्त की है. इस पर पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार (Ishaq Dar) ने कहा कि पाकिस्तान एक संप्रभु देश है और IMF की हर मांग को मान नहीं सकता है.


पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने फाइनेंस और रेवेन्यू पर सीनेट की स्थायी समिति को संबोधित किया. इसमें उन्होंने हाल में पेश किए गए बजट में दी गई टैक्स छूट पर IMF के आपत्ति पर जवाब दिया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक संप्रभु देश है और IMF से सब कुछ स्वीकार नहीं कर सकता है.


टैक्स कलेक्ट करने के लक्ष्य को बढ़ाना
इशाक डार ने समिति को संबोधित करते हुए कहा कि संप्रभु देश होने के नाते पाकिस्तान अपनी तरफ से टैक्स में छूट दे सकता है. इस तरह का अधिकार पाकिस्तान को है, लेकिन IMF चाहता है कि हम किसी भी क्षेत्र में टैक्स रेट में छूट न दें.


वित्त मंत्री ने सीनेटरों को आश्वासन दिया कि सरकार को पता है कि रेवेन्यू जनरेट करने के लिए कितना टैक्स कलेक्ट करने की जरूरत है. इसी वजह से सरकार ने आगामी बजट में टैक्स कलेक्ट करने के लक्ष्य को बढ़ाकर 7.2 ट्रिलियन रुपये से बढ़ाकर 9.2 ट्रिलियन रुपये कर दिया है. 


'टैक्स के मुद्दों पर IMF को भरोसा दिलाएंगे' 
पाकिस्तानी वित्त मंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य टैक्स में राहत देने से अलग है. हम टैक्स के मुद्दों पर IMF को भरोसा दिलाएंगे. उन्होंने नए बजट के आधार पर आर्थिक विकास के लिए चार महत्वपूर्ण क्षेत्रों को ध्यान देगें, जिनमें से एक IT क्षेत्र में दिए गए पैकेज के बारे में बताया.


इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि हम IMF की मांगों पर IT क्षेत्र में युवाओं को रियायतें देने पर बैन नहीं लगा सकते. हम IT क्षेत्र में विकास के ध्यान में रखते हुए युवाओं को रोजगार के अवसर देना चाहते हैं. सरकार अगले 5 सालों में IT के क्षेत्र में 15 अरब डॉलर का निवेश करने का लक्ष्य रखा है.


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