(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Pakistan Crisis: 'पाकिस्तान की फाइनेंस मिनिस्ट्री पर IMF को नहीं है भरोसा', पूर्व वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल का दावा
Pakistan की आर्थिक स्थिति किसी से छिपी नहीं है. देश इस वक्त महंगाई से जूझ रहा है. पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री का मानना है कि अगले कुछ महीने पाकिस्तान के लिए और ज्यादा कठिन होने वाले हैं.
IMF And Pakistan: पाकिस्तान इस वक्त आर्थिक और राजनीतिक संकट से जूझ रहा है. देश में महंगाई अपने उच्च स्तर पर पहुंच चुकी है. इसी बीच, पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री ने चौंकाने वाला दावा किया है. पूर्व वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने शुक्रवार (10 मार्च) को जियो न्यूज से कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) को पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय पर भरोसा नहीं है. उन्होंने ये भी कहा कि आईएमएफ ने पाकिस्तान के साथ विशेष समझौतों को समाप्त कर दिया है, जिससे देश में संकट पैदा हुआ है.
पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, "मुझे लगता है कि मुद्दा यह है कि पाकिस्तानी सरकार ने वो सब किया है जो वो कर सकती थी... और अब हमें पैसों के लिए मित्र देशों की जरूरत है, ताकि हमारे अकाउंट घाटे में न हों और हमारी बाहरी आवश्यकता पूरी हो सके." उन्होंने कहा कि एक मुद्दा ये भी है कि अब आईएमएफ को पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय पर भरोसा नहीं है.
'...अर्थव्यवस्था गहरे संकट में रहेगी'
सेनाध्यक्ष असीम मुनीर ने बीते दिनों व्यावसायियों के साथ एक बैठक में कहा था, "अभी तो सबसे बुरा होने वाला है." इस बयान पर पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि उन्हें ऐसा लगता है कि अर्थव्यवस्था अगले कुछ महीनों तक गहरे संकट में रहेगी. IMF से देरी से फंड मिलने पर भी मिफ्ताह इस्माइल ने चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि आईएमएफ और पाकिस्तान के बीच स्टाफ-लेवल एग्रीमेंट में अब बहुत देर हो चुकी है."
'ये सिर्फ क्षमता की कमी नहीं है, बल्कि...'
पूर्व वित्त मंत्री ने आगे कहा कि इस देरी ने प्रभावी ढंग से लोन (Loan) का प्रबंधन करने की हमारी क्षमता पर सवाल खड़े किए हैं. आईएमएफ ने हमारे अंदर विश्वास खो दिया है, वहीं हमारे मित्र देश भी घोषणाएं करने के बावजूद अपने पैर खींच रहे हैं. उन्होंने कहा, "मैं स्पष्ट रूप से कहा रहा हूं कि ये सिर्फ क्षमता की कमी नहीं है, बल्कि विश्वसनीयता की भी कमी है. इसके अलावा, पाकिस्तान एक राजनीतिक और आर्थिक संकट की चपेट में है. हमारे लिए आने वाले कुछ महीने बेहद कठिन होने वाले हैं."