Pakistan Economic Crisis: आर्थिक तंगी से बचने के लिए श्रीलंका से क्या सीख सकता है पाकिस्तान, जानें
Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान को अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए और भी कई तरह के कड़े कदम उठाने पड़ सकते है. उन्हें श्रीलंका से सीख लेने की जरूरत है.
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Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान तबाही के मुहाने पर है. देश को विदेशी मुद्रा की कमी का सामना करना पड़ रहा है. मुद्रास्फीति फरवरी के महीने में 31.5 फीसदी के उच्च स्तर पर पहुंच गई और डिफ़ॉल्ट की संभावना बढ़ गई है. पाकिस्तान की स्थिति एक साल पहले श्रीलंका के सामने आई स्थिति के साथ मेल खाती है, जो पाकिस्तान के लिए आगे की राह के बारे में कुछ इशारा करती है.
एक विदेशी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (State Bank Of Pakistan) के पूर्व गवर्नर रेजा बाकिर ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा अपनी आर्थिक नीतियों का स्वामित्व लेने में सफल नहीं रहा है. इसके पीछे भी एक लंबा इतिहास रहा है. पाकिस्तान में व्यापार के मामले में गिरावट, मुख्य रूप से बढ़ती ऊर्जा की कीमतों के साथ-साथ लिबरल स्टेट फाइनेंस पॉलिसी के कारण तनाव पैदा हुआ है.
IMF बेलआउट पैकेज एक चुनौती
पाकिस्तान में पिछली बार आई विनाशकारी बाढ़ ने भी देश की अर्थव्यवस्था को जबरदस्त झटका पहुंचाया है. पाकिस्तान की अस्थिरता को देखते हुए अपने बड़े लोन दायित्वों को पूरा करना एक मुश्किल काम होगा. पाकिस्तान को इस साल अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से $1.1 बिलियन के बेलआउट पैकेज को क्लियर करना भी चुनौती है. पाकिस्तान को कथित तौर पर चीनी बैंकों से $2 बिलियन का लोन मिला है. लेकिन डिफॉल्ट से बचने के लिए शायद और फंडिंग की जरूरत होगी.
IMF ने लोन देने के लिए हामी भर दी
श्रीलंका के आर्थिक स्थिति की बात करें तो IMF ने लोन देने के लिए हामी भर दी है. इसके लिए IMF श्रीलंका को 2.9 बिलियन डॉलर चार साल में किश्तों में देगा. इसके पीछे की वजह है श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार और करेंसी का स्थिर होना. श्रीलंका की मुद्रास्फीति में भी तेजी से गिरावट आई है. पिछले साल सितंबर में मुद्रास्फीति दर 70 फीसदी थी, वहीं अभी के समय ये 50 फीसदी हो चुकी है.
श्रीलंका ने IMF से लोन हासिल करने के लिए कड़े नियमों का पालन किया, अन्य देशों से भी लोन के रूप में मिली धनराशि को भी IMF को गारंटी के तौर पर पेश किया. IMF के हर नियमों का श्रीलंका ने कड़ाई से पालन करने का आश्वासन दिया. पाकिस्तान को भी इसी तरह की नीतियों को अपनाना पड़ेगा, ताकि उसकी स्थिति सुधर सके. पाकिस्तान को भी श्रीलंका की तरह विदेशी मुद्रा भंडार में कंट्रोल करने की जरूरत है. श्रीलंका के केंद्रीय बैंक ने अपनी नीतियों को कड़ा बनाया, जिसने असंतुलन को दूर करने में मदद किया है.
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