Pakistan Crisis: 'बच्चों को क्या मैं भूखा मार दूं', पाकिस्तान में आर्थिक तंगी से परेशान महिला ने शेयर किया अपना दर्द
Pakistan Inflation: पाकिस्तान में महंगाई बढ़ने से देश का हर आम नागरिक काफी परेशानियों का सामना कर रहा है. देश में विदेशी मुद्रा भंडार की भारी कमी है.
Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान में आर्थिक हालात धीरे-धीरे बिगड़ते जा रहे हैं. देश में महंगाई (Inflation) आसमान पर है. आम लोगों के लिए दो जून की रोटी जुटा पाना भी मुश्किल हो रहा है. खाने-पीने से लेकर रोजाना इस्तेमाल होने वाली हर चीज की कीमत इतनी बढ़ गई है कि ज्यादातर परिवारों के लिए उसे जुटा पाना बस की बात नहीं है.
इन सबके बीच आर्थिक तंगी का सामना कर रही कराची की रहने वाली एक महिला का दर्द सामने आया है. पाकिस्तान (Pakistan) के कराची (Karachi) की रहने वाली एक महिला ने देश में बेतहाशा बढ़ती महंगाई का जिक्र करते हुए सोशल मीडिया पर अपना दर्द शेयर किया है.
'बच्चों को क्या मैं भूखा मार दूं'
आर्थिक बदहाली का सामना कर रही कराची की रहने वाली राबिया (Rabia) नाम की महिला ने सरकार से पूछा- ''क्या मैं अपने बच्चे को खाना देना बंद कर दूं? दवाई देना बंद कर दूं''. महिला ने बाजार से राशन खरीदकर लाने का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि जो राशन वो लेकर आई है, उसमें आटा, दाल चावल, घी नहीं है. बच्चों को क्या भूखा मार दूं?
महिला का पाकिस्तान सरकार से सवाल
महिला ने अपना बिजली का बिल भी दिखाया. उन्होंने कहा कि कराची के जिस इलाके में वो रहती हैं, वहां ठीक से बिजली नहीं रहती है. 556 यूनिट बिजली का बिल 15 हजार 560 रूपये आया है. बताओ कहां से पे करूं. बच्चे की दवाई महंगी हो गई है. उन्होंने सरकार में बैठे लोगों से सवाल किया- ''क्या उन्हें खुदा का खौफ नहीं है. क्या बच्चों को अंडे खिलाना, दूध पिलाना छोड़ दें?. क्या तुमलोगों से मासूमों के आंसुओं का हिसाब कब्र में पूछा नहीं जाएगा?''.
कंगाल पाकिस्तान में और बढ़ रही मुसीबतें
पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली (Pakistan Economic Crisis) से आज पूरी दुनिया वाकिफ है. आटा, दाल, तेल, दवाई, एलपीजी से लेकर पेट्रोल और डीजल के दाम काफी बढ़ गए हैं. महंगाई बढ़ने से देश का हर आम नागरिक काफी परेशानियों का सामना कर रहा है. पाकिस्तान में महंगाई बढ़ने के बाद लोग अब लूटपाट पर भी उतारू हो चुके हैं. रावलपिंडी में पोल्ट्री फार्म से मुर्गियां की लूट का मामला सामने आया है. पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा भंडार की भारी कमी है और अब कोई कर्ज देने के लिए तैयार नहीं है.
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