Pakistan Economic Crisis: आर्थिक तंगी और राजनीतिक उठा-पटक से जूझ रहे पाकिस्‍तान (Pakistan) ने नए वित्‍त वर्ष 2023-24 के लिए अपना बजट पेश किया है. इस बजट में डिफेंस यानी कि पाकिस्‍तानी सेना (Pakistan army) के लिए भारी-भरकम राशि का इंतजाम किया गया, जो पिछली बार के मुकाबले 15 फीसदी ज्यादा है. वहीं, दूसरी ओर पाकिस्‍तानी हुकूमत 'बदहाली' का रोना भी रो रही है. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) ने कहा है कि हमारे मुल्‍क को भारी बारिश और बाढ़ ने तबाह कर डाला. 


शहबाज शरीफ ने कहा कि भारी बारिश और बाढ़ से पाकिस्तान को 30 अरब डॉलर का नुकसान हुआ. उन्‍होंने कहा कि नुकसान की भरपाई के लिए इतनी बड़ी रकम जुटाना मुश्किल है. एआरवाई न्यूज के मुताबिक, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ बीते रोज संघीय कैबिनेट के सदस्यों को संबोधित कर रहे थे, जिन्हें वित्त विधेयक 2023-24 को मंजूरी देने के लिए बुलाया गया था. एआरवाई न्यूज एक पाकिस्तानी न्यूज चैनल है, जिसकी रिपोर्ट में बताया गया कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ मीटिंग के दौरान अपने मित्रदेशों का भी जिक्र कर रहे थे.




'हमारी सरकार को विरासत में मिली पंगु अर्थव्यवस्था'
एआरवाई न्यूज के मुताबिक, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मीटिंग के दौरान कहा कि हमारी गठबंधन सरकार को पंगु अर्थव्यवस्था विरासत में मिली है. सत्ता में आने के बाद, चीन ने पाकिस्तान को वित्तीय मुद्दों को हल करने में मदद की. उन्‍होंने कहा कि चीन, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ने पाकिस्तान की मदद की और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) को रुके हुए ऋण कार्यक्रम के पुनरुद्धार का आश्वासन दिया. पीएम शहबाज शरीफ ने दोहराया कि आईएमएफ के साथ नौवीं समीक्षा जुलाई के महीने के दौरान पूरी हो जाएगी क्योंकि उन्होंने फंड के प्रमुख के साथ एक घंटे की टेलीफोनिक बातचीत की है.


'अस्थिरता को खत्म किए बिना विकास संभव नहीं' 
शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान की राजनीतिक अस्थिरता पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राजनीतिक अस्थिरता को खत्म किए बिना आर्थिक विकास संभव नहीं है.' वहीं, बजट पेश होने से पहले शहबाज़ ने ऊर्जा से संबंधित बजटीय प्रस्तावों पर एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी. उस बैठक में पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार (Finance Minister Ishaq Dar), ख्वाजा मुहम्मद आसिफ, इंजीनियर खुर्रम दस्तगीर खान, और मरियम औरंगजेब और अन्य अधिकारियों सहित संघीय मंत्रियों ने भाग लिया. उसमें शहबाज ने कहा था- ‘‘मैं चाहता हूं कि पाकिस्तान की आर्थिक चुनौतियों के बावजूद समाज के कमजोर तबकों की सुरक्षा के लिए खास कदम उठाए जाने चाहिए.’’


यह भी पढ़ें: IMF से मदद की उम्मीद लगाए बैठा है कंगाल पाकिस्तान, शहबाज शरीफ ने फिर लगाई गुहार