(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Pakistan Tax Amendment Bill 2023: IMF की शर्तों को पूरा करने के लिए शहबाज सरकार ला रही टैक्स अमेंडमेंट बिल, ऐसे वसूलेगी अरबों रुपये
Pakistan Tax Amendment Bill: पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था संकट में है. वहां का रुपया लगातार गिर रहा है. विदेशी मुद्रा भंडार घटते घटते 3 अरब डॉलर से भी कम रह गया है. सरकार टैक्स बढ़ाकर कर्ज लेना चाहती है.
Pakistan Economic Crisis: गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान को अब तक विदेशी कर्ज नहीं मिला है. पाकिस्तानी हुकूमत अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से कर्ज की किस्त को अनलॉक कराना चाहती है, लेकिन उसके लिए उसे IMF की कई कड़ी शर्तों माननी होंगी. इन शर्तों को पूरा करने के लिए पाकिस्तानी हुकूमत एक टैक्स अमेंडमेंट बिल (Tax Amendment Bill) लेकर आई है.
बिल को पाकिस्तानी संसद में बुधवार शाम (15 फरवरी) यानी कि आज ही पेश किया जाएगा. पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि शहबाज शरीफ की अगुवाई में केंद्र सरकार संसद के दोनों सदनों में एक टैक्स अमेंडमेंट बिल—फाइनेंस (सप्लिमेंट्री) बिल 2023 पेश करने को तैयार है. इसे लागू कराना जरूरी है क्योंकि इससे एक रुके हुए लोन प्रोग्राम को बहाल करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की शर्तों को पूरा किया जा सकेगा.
170 अरब रुपये से ज्यादा राशि जुटाने का लक्ष्य
संसद के निचले सदन का सत्र दोपहर साढ़े 3 बजे शुरू होगा, इस दौरान वित्त मंत्री इशाक डार विधेयक पेश करेंगे. फिर सीनेट सत्र अलग से, शाम 4:30 बजे शुरू होगा.
राष्ट्रपति आरिफ अल्वी द्वारा लगाए जा रहे नए टैक्स में 170 अरब रुपये से ज्यादा की राशि के लिए संसद को विश्वास में लेने के लिए वित्त मंत्री को "सलाह" देने के बाद सरकार को संसद जाने के लिए मजबूर होना पड़ा.
लोन प्रोग्राम के लिए आमजन पर डालेंगे बोझ
बता दें कि राष्ट्रपति के 'इनकार' के तुरंत बाद, टैक्स अमेंडमेंट बिल (Tax Amendment Bill) को मंजूरी देने के लिए एक कैबिनेट बैठक बुलाई गई थी, जिसे आज संसद के दोनों सदनों में पेश किया जाएगा. प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, बैठक के बाद फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू (FBR) ने नए टैक्स नियम की हामी भरी थी. सरकार के कई टैक्स संबंधी उपायों से 115 अरब रुपये जुटाए जाएंगे. चूंकि सरकार ने आईएमएफ के साथ नए टैक्स में 170 अरब रुपये के लक्ष्य पर सहमति व्यक्त की थी, शेष राशि 55 अरब रुपये एयरलाइन टिकटों पर उत्पाद शुल्क में वृद्धि के माध्यम से एकत्र की जाएगी.
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