Pakistan Economy Crisis: पाकिस्तानी मंत्री की अपनी ही सरकार को नसीहत, कहा- IMF की शर्तों को न मानें वरना...
Pakistan Economy: ब्रिटेन के अखबार फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान जल्द ही अगला श्रीलंका बनने की कगार पर है. श्रीलंका में पाकिस्तान की ही तरह विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई थी.
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Pakistan Economy Crisis: पाकिस्तान की इकोनॉमिक कंडीशन बहुत ही ज्यादा चरमरा चुकी है. देश के हालात दिन-ब-दिन बद-से-बदतर होते जा रहे हैं. इस दौरान देश का विदेशी मुद्रा भंडार की भी स्थिति नाजुक होती जा रही है. पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार सिर्फ 3 मिलियन डॉलर के करीब जा पहुंचा है, जो सिर्फ अगले तीन हफ्ते के लिए बाकी रह गया है.
विदेशी मुद्रा भंडार में कमी की वजह से पाकिस्तान के हजारों कंटेनर सी पोर्ट पर अटके पड़े हैं. हाल ही में पाकिस्तान में इंटरनेशनल मॉनीटरी फंड (IMF) से 1.1 मिलियन डॉलर की मांग की है, लेकिन इसके बदले में IMF ने पाकिस्तान के सामने कुछ कठिन शर्तों की डिमांड रखी है. इस पर देश के योजना मंत्री अहसान इकबाल के अनुसार देश के लोग सड़कों पर दंगे करने लगेंगे.
श्रीलंका की तरह हो जाएगा पाकिस्तान
ब्रिटेन के अखबार फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान बहुत जल्द ही अगला श्रीलंका बनने की कगार पर है. श्रीलंका में पाकिस्तान की ही तरह विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट आई थी, जिसके बाद पिछले साल मई में श्रीलंका डिफॉल्टर हो गया था. कुछ ऐसी ही हालात पाकिस्तान के साथ होने के आसार हैं. रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में ईंधन की भी भारी कमी हो गई है, जिसे बचाने के लिए देश की सरकार कपड़ों के बिजनेस, इंडस्ट्री को बंद करवा रही है. कई कारखाने में दिनभर में सिर्फ कुछ ही घंटों काम हो रहा है.
IMF की कठिन शर्त
IMF ने पाकिस्तान को कर्ज देने के लिए जिस तरह के शर्तें रखी है, उसके लिए देश को कई कठिन फैसलें लेने पड़ सकते हैं. इसकी वजह से देश के लोगों को महंगाई का सामना करना पड़ सकता है. IMF चाहता है कि देश की सरकार एनर्जी पर दी जाने वाली सब्सिडी चार्जेस बढ़ा दे, टैक्स में बढ़ोतरी करे और रुपये को डॉलर के मुकाबले ज्यादा लचीला बनाए.
अगर पाकिस्तान ऐसी शर्तों को मान लेता है तो मंत्री इकबाल के मुताबिक देश की जनता सड़कों पर उतर सकती है. इसी पर देश के योजना मंत्री अहसान इकबाल ने कहा IMF की शर्तों को मानने के हालात में देश के लोग सड़को पर दंगे करेंगे. हमें कम शर्तों वाले प्रोग्राम की जरूरत है. वरना देश इस तरह के झटकों को सह नहीं पाएगा.
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