नई दिल्ली: एबीपी न्यूज़ के खास शो मातृभूमि में आज बात पाकिस्तान की, इमरान खान जब सत्ता में आए थे तो नया पाकिस्तान बनाने की बातें करते थे लेकिन पाकिस्तान तो ग्रे पाकिस्तान बन चुका है. दरअसल आतंकी फंडिंग पर नजर रखने वाली संस्था FATF ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही रखा है. पाकिस्तान ब्लैक लिस्ट में जाने से तो बच गया लेकिन ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं आ पाया. ग्रे लिस्ट की वजह से पाकिस्तान को 15 महीनों में करीब सवा दो लाख करोड़ का नुकसान हो चुका है. कंगाल पाकिस्तान के लिए ये बहुत बड़ी रकम है लेकिन आतंक की स्ट्रैटजी पर जिंदा रहने वाले देश से आप क्या उम्मीद कर सकते हैं.
इमरान खान टीवी शोज में अच्छी बातें करते हैं लेकिन उन्हें अगर इंसान और इंसानियत का इतना ही ख्याल होता तो पेरिस में दुनिया के 39 देशों को बैठकर इस बात पर माथापच्ची नहीं करनी पड़ती कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखना है या फिर ब्लैक लिस्ट में डाल देना है.
ग्रे लिस्ट में होने का मतलब
जून 2018 से यानि पिछले 15 महीनों से पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में मौजूद है. ग्रे लिस्ट में किसी देश के नाम का मतलब ये है कि वो देश आतंकियों के लिए स्वर्ग है. यानि वो देश जहां दहशतगर्द बनाए जाते हैं, जिनके पोषण के लिए पैसे मिलते हैं और उस देश की सरकार आतंक के इस नेटवर्क को रोकने में नाकामयाब रहती है. लेकिन इमरान खान हकीकत से कोसों दूर अपनी आवाम को नए पाकिस्तान का सपना दिखा रहे हैं.
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लेकिन नया पाकिस्तान तो तब बनेगा जब पुराने पाकिस्तान की बुनियाद बाकी रहेगी. इमरान खान को प्रधानमंत्री बने सिर्फ एक साल हुआ है और इस एक साल में उन्होंने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की ऐसी कमर तोड़ी है कि खुद पाकिस्तान भी अपनी किस्मत पर रोने लगा है.
इमरान के राज में पाकिस्तान बदहाल
इमरान खान के सत्ता संभालने के बाद से पाकिस्तान पर साढ़े सात लाख करोड़ का कर्ज हो गया है. सिर्फ एक साल में इमरान खान ने 2.8 लाख करोड़ का विदेशी कर्ज लिया है जबकि 4.7 लाख करोड़ का घरेलू कर्ज है. पाकिस्तान में ये इमरान खान सरकार की देन है कि एक साल में 20 करोड़ की आबादी वाले देश में हर नागरिक पर 30 हजार रुपए का कर्ज हो गया है.
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पाकिस्तान पर कुल कर्ज 14 लाख करोड़ का है जिसमें आधे से ज्यादा यानि साढ़े सात लाख करोड़ पिछले एक साल में यानि इमरान खान के राज में पाकिस्तान के सिर पर चढ़ा है. दुनिया में आतंकी फंडिंग पर नजर रखने वाली वैश्विक संस्था एफएटीएफ यानि फाइनेंशियनल एक्शन टास्क फोर्स ने जून 2018 से पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल रखा है. अब समझिए जिसकी माली हालत इतनी खराब हो उसके ग्रे लिस्ट में होने का क्या असर होता है.
ग्रे लिस्ट में होने की वजह से पाकिस्तान को पिछले 15 महीनों में 2 लाख 15 हजार 961 करोड़ का नुकसान हुआ है. अगले चार महीने यानि नवंबर से लेकर फरवरी महीने तक ग्रे लिस्ट में होने की वजह से पाकिस्तान को 50 हजार 815 करोड़ रुपए का नुकसान होगा. यानि आतंक की वजह से पाकिस्तान के दामन पर जो ग्रे धब्बा लगा है उससे फरवरी 2020 तक पाकिस्तान को 2 लाख 66 हजार 776 करोड़ के नुकसान का अनुमान है.
धर्म की बातों से निकलना होगा बाहर
पाकिस्तान को हुआ ये नुकसान उसके साल भर के बजट का 26 फीसदी पैसा है. पाकिस्तान को हुआ 2 लाख 66 हजार करोड़ का ये नुकसान पाकिस्तान के दुनिया भर के लिए कर्जे का 72 फीसदी है. मतलब अगर पाकिस्तान आतंक परस्त देश ना होता तो वो इन पैसों से अपने देश के लिए क्या नहीं कर सकता था.
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान गुरुवार को कामयाब जवान प्रोग्राम की शुरुआत कर रहे थे यानि वो कार्यक्रम जिसमें देश के युवाओं को पाकिस्तान के विकास का हिस्सा बनाना है लेकिन इस कार्यक्रम में इमरान खान सिर्फ इस्लाम धर्म की बात कर रहे थे.
21 करोड़ की आबादी वाले पाकिस्तान में 33 लाख की हिंदू आबादी भी रहती है लेकिन जिस देश का प्रधानमंत्री खुलेआम सिर्फ एक धर्म की बात करता हो उसकी नीयत आप समझ सकते हैं. इमरान खान आतंक के प्रति अपनी सोच बदलते तो शायद पाकिस्तान की जीडीपी ग्रोथ 5.5 फीसदी से गिरकर 3 फीसदी पर ना पहुंची होती. पाकिस्तान का बजट घाटा पिछले 30 साल में सबसे ज्यादा ना हुआ होता.