Pakistan Economic Crisis: लंबे समय से ठप अर्थव्यवस्था से जूझ रहे पाकिस्तान में एक बार फिर आर्थिक संकट गहराता जा रहा है. कर्ज बढ़ता जा रहा है और विदेशी मुद्रा भंडार लगभग समाप्ति की ओर है. इन दोनों वजहों से देश में कई तरह की समस्याएं आ रही हैं. इससे निपटने के लिए अब पाकिस्तान सरकार अजब-गजब उपाय कर रही है. इसी क्रम में पाकिस्तान सरकार ने मंगलवार को ऊर्जा की खपत को कम करने और बदले में सरकारी खजाने पर वित्तीय भार को कम करने के लिए कई योजनाओं की घोषणा की. सरकार ने बढ़ते कर्ज को काबू में रखने के लिए बाजारों और शादी के हॉल को क्रमश: रात 8:30 बजे और रात 10 बजे तक बंद करने का प्रस्ताव रखा है.



60 बिलियन रुपये तक बचाने की योजना


पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने वहां के प्रमुख अखबार डॉन को बताया, ''यह योजना देश की समग्र जीवन शैली और आदत पैटर्न को बदल देगी और इससे देश करीब $26 मिलियन यानी 60 बिलियन पाकिस्तानी रुपये बचाएगा.'' आसिफ की ओर से किए गए आमूल-चूल बदलावों में जुलाई तक बिजली से चलने वाले पंखों के उत्पादन को बंद करने की योजना भी शामिल है.


कोनिकल गीजर का उपयोग होगा अनिवार्य


उनका कहना है कि ‘अकुशल पंखे लगभग 120-130 वॉट बिजली का उपयोग करते हैं. दुनिया भर में ऐसे पंखे उपलब्ध हैं जो 60-80 वॉट का उपयोग करते हैं. ऐसे में सरकार ऐसे ही पंखों पर फोकस करेगी.’ सरकार की योजना अगले महीने से गरम बल्बों के निर्माण को बंद करने की भी है. यही नहीं, सरकार कोनिकल गीज़र के उपयोग को अनिवार्य करने और स्ट्रीट लाइट्स के वैकल्पिक उपयोग को लेकर भी आदेश जारी करेगी.


बिजली खपत रोकने के लिए वर्क फ्रॉम होम की तैयारी


आसिफ ने कहा कि देश गंभीर स्थिति से गुजर रहा है और यह बिजली की खपत के मौजूदा स्तर को बनाए रखने में सक्षम नहीं है. उन्होंने 'वर्क फ्रॉम होम पॉलिसी' लागू करने की योजना की भी घोषणा की. आसिफ ने कहा,  ''सभी सरकारी भवनों और कार्यालयों में भी योजना के तहत ऊर्जा के उपयोग को कम किया जाएगा और घर से काम करने की नीति को 10 दिनों में पूरा किया जाएगा.''


डिफॉल्टर देश होने के काफी करीब है पाकिस्तान


पाकिस्तान के पावर डिवीजन के हवाले से रिपोर्ट के मुताबिक, देश का सर्कुलर कर्ज 10.5 अरब डॉलर (2.437 ट्रिलियन रुपये) था, जो पिछले साल सितंबर से 815 मिलियन डॉलर (185 अरब रुपये) तक पहुंच गया. वहीं, जुलाई-अक्टूबर 2022-23 के दौरान पाकिस्तान का राजकोषीय घाटा जीडीपी का 1.5 प्रतिशत था. देश का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले महीने अप्रैल 2014 के बाद सबसे निचले स्तर पर आ गया था, जब यह 294 मिलियन डॉलर घटकर 5.8 बिलियन डॉलर रह गया था. इसका मुख्य कारण बाहरी ऋण चुकाना था. अब आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान जल्द ही डिफॉल्टर देश होने के काफी करीब पहुंच गया है.


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